Churu News: पहाड़ पर स्थित मां कालका के दरबार में उमड़े श्रद्धालु, जानिए इस प्राचीन मंदिर का रहस्य

सुजानगढ़(चूरू): आज नवरात्रा (Navratra) का पांचवा दिन है. जिले में सालासर के निकट स्यानण गांव में एक हजार साल पुराने मां कालका का मंदिर स्थित है. कौरव पांडुओं के समय के प्राचीन कालका माता मंदिर में दर्शन करने नवरात्रा में अब तक 50 हजार से अधिक भक्त देश के कोने-कोने से आ चुके हैं. मां के दर्शन करने के लिए आने वाले भक्त माता रानी के चुनरी, प्रसाद चढ़ाकर अपनी मनोकामना के पूरी होने के लिए प्रार्थना करते हैं. 

कहा जाता है कि कालका माता के दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालु कभी भी मंदिर से खाली हाथ नहीं लौटता. भक्तों द्वारा की गई मंदिर में हर मनोकामना माता के दरबार में पूर्ण होती है. कालका सेवा समिति के अध्यक्ष रतनलाल ने बताया कि हड़प्पाकालीन और समकालीन सभ्यता के मंदिर में सैलचित्र भी पुरातत्व विभाग को मिले हैं. मंदिर में आने वाले भक्त मंदिर के हजारों वर्ष पुराने इतिहास को जानने के लिए उत्सुक नजर आते हैं. 

नौंवी शताब्दी के मंदिर का निर्माण शिलालेख के अनुसार संवत 1397 में हुआ है. प्राचीन समय में पहाड़ों पर स्थित प्राचीन मंदिर में सीढ़िया नहीं होने के कारण मां के भक्त पेड़ों और पत्थरों के सहारे से मंदिर में पूजा के लिए जाते थे. लेकिन समय के साथ भक्तों ने मिलाकर मंदिर का भव्य नया निर्माण करवाया. जो आज देखने में बहुत आकर्षक है. मंदिर में कालका माता की प्रतिमा दक्षिण मुखी है. 

श्रद्धालुओं के लिए पर्यटक स्थल से कम नहीं:

मंदिर में 24 घंटे अखंड ज्योत प्रज्वलित रहती है. जिसके दर्शन मात्र से ही भक्तों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है. मंदिर में भक्तों की सेवा के लिए बनी कालका सेवा समिति आने वाले यात्रियों के लिए छांव, रहने, रुकने और खाने की व्यवस्था निशुल्क उपलब्ध करवा रही है. बताया जाता है कि मंदिर में महिलाएं मां का रातिजोगा देकर माता रानी से मनोकामना करती है जो पूर्ण भी होती है. मंदिर पर स्थित पहाड़ मां कालका के दर्शन करने के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए किसी पर्यटक स्थल से कम नहीं है. जो पहाड़ों पर बैठकर सेल्फी और फोटो का जमकर आनंद लेते हैं.