फोन बैंकिंग’ के बजाय ‘डिजिटल बैंकिग’ अपनाने से भारत सतत वृद्धि की राह पर बढ़ा- PM मोदी

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की सतत आर्थिक वृद्धि का श्रेय भारतीय जनता पार्टी (BJP) की अगुवाई वाली अपनी सरकार के प्रयासों को देते हुए शनिवार को कहा कि 2014 से पहले की ‘फोन बैंकिग’ से आगे बढ़कर ‘डिजिटल बैंकिंग’ को अपनाने से यह संभव हो पाया है. पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘फोन बैंकिंग’ के तहत बैंकों को फोन पर ये निर्देश दिए जाते थे कि उन्हें किसे और किन शर्तों पर कर्ज देना है. उन्होंने कहा कि भारत ने पहले की ‘फोन बैंकिंग’ की जगह ‘डिजिटल बैंकिंग’ का उपयोग करते हुए सतत वृद्धि हासिल की है.

प्रधानमंत्री ने रविवार को जम्मू-कश्मीर की दो डिजिटल बैंकिंग इकाइयों (डीबीयू) समेत कुल 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयों का वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करते हुए कहा कि ये इकाइयां वित्तीय समावेश का विस्तार करेंगी और नागरिकों के बैंकिग अनुभवों को बेहतर बनाएंगी. उन्होंने कहा कि देश की आर्थिक प्रगति का सीधा संबंध इसकी बैंकिंग प्रणाली की मजबूती से है. उन्होंने प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) को खामियां दूर करने एवं पारदर्शिता लाने में मददगार बताते हुए कहा कि बैंकिंग क्षेत्र सुशासन और बेहतर सेवा आपूर्ति का माध्यम बन गया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने वंचितों की सेवा करने की अपनी प्रतिबद्धता के तहत बैंकों को गरीबों के घरों तक पहुंचाने की पहल की है. डीबीटी सुविधा के तहत अब तक 25 लाख करोड़ रुपये लाभार्थियों तक पहुंचाये जाने का उल्लेख करते हुए मोदी ने कहा कि ‘पीएम किसान’ योजना की एक और किस्त सोमवार को किसानों के खातों में भेजी जाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा कि डीबीयू देश में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देंगी तथा नागरिकों के बैंकिंग अनुभव को बेहतर बनाएंगी.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में देशभर के 75 जिलों में डिजिटल बैंकिंग इकाइयां स्थापित करने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा था कि देश की आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर 75 डिजिटल बैंकिंग इकाइयां खोली जाएंगी. इन इकाइयों की शुरुआत के पीछे सोच यह है कि देश के हर एक हिस्से तक डिजिटल बैंकिंग की पहुंच हो. इस पहल में सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंक, निजी क्षेत्र के 12 बैंक और एक लघु वित्त बैंक शामिल हो रहे हैं. इन डिजिटल बैंकिंग इकाइयों में ग्राहक बचत खाता खोलने, अपने खाते में बची राशि पता करने, पासबुक प्रिंट कराने, पैसे भेजने, सावधि जमा निवेश के अलावा क्रेडिट-डेबिट कार्ड और कर्ज के लिए आवेदन जैसे काम कर सकेंगे. सोर्स- भाषा