इमरान के हमलावर का कबूलनामा सार्वजनिक करने के आरोप में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पुलिस अधिकारी निलंबित

लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री चौधरी परवेज़ इलाही ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर हुए हमले के बाद संदिग्ध हमलावर का कबूलनामा सार्वजनिक करने के आरोप में पुलिसकर्मी समेत अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के विरोध मार्च के दौरान गुरुवार को पंजाब प्रांत में उनके कंटेनर-ट्रक पर हमला किया गया, जिसमें उनके पैर में गोली लगी, लेकिन वह खतरे से बाहर हैं. इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हो गई वहीं खान (70) की पार्टी ने दावा किया कि यह ‘‘हत्या का प्रयास’’ था.

‘एआरवाई न्यूज़’ ने बृहस्पतिवार को एक खबर में कहा, पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री चौधरी परवेज़ इलाही ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के प्रमुख इमरान खान पर ‘हकीकी आज़ादी मार्च’ के दौरान हमला करने वाले संदिग्ध व्यक्ति के कबूलनामे को सार्वजनिक करने के प्रकरण पर संज्ञान लिया है.

खबर के अनुसार, इलाही ने पंजाब पुलिस के महानिरीक्षक (आईजी) को गैर-जिम्मेदाराना रवैये के कारण अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया. संदिग्ध के कबूलनामे के लीक होने के बाद, थाना प्रभारी (एसएचओ) और संबंधित पुलिस थाने के अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया.

मुख्यमंत्री ने एक बयान में कहा कि थाने के कर्मचारियों के सभी मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए हैं और उन्हें फोरेंसिक ऑडिट के लिए भेजा जाएगा. इलाही ने संदिग्ध हमलावर का वीडियो सार्वजनिक होने की घटना की जांच के आदेश जारी किए हैं. उन्होंने पुलिस महानिरीक्षक (पंजाब) को खान पर हुए हमले के कारणों की पड़ताल करने के मकसद से जांच शुरू करने का निर्देश दिया. पंजाब के मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बृहस्पतिवार को आपात सत्र में यह निर्देश जारी किए गए.

संदिग्ध ने पुलिस से कहा कि वह खान को मारना चाहता था:
मार्च के दौरान, खान पर हमला करने वाले संदिग्ध ने पुलिस से कहा कि वह खान को मारना चाहता था क्योंकि ‘‘वह (खान) जनता को गुमराह कर रहे हैं.’’. ‘एआरवाई न्यूज़’ के पास उपलब्ध एक वीडियो बयान में, हमलावर को यह कहते हुए सुना गया है कि वह इमरान के लाहौर छोड़ने के बाद से ही हत्या की योजना बना रहा था.. उसने कहा कि मैंने उन्हें मारने की पूरी कोशिश की. मैं सिर्फ इमरान खान को मारना चाहता था और किसी को नहीं. पंजाब के वजीराबाद कस्बे के अल्लाहवाला चौक के पास यह घटना उस समय हुई जब खान जल्दी चुनाव कराने की अपनी मांग को लेकर इस्लामाबाद तक मार्च का नेतृत्व कर रहे थे. सोर्स- भाषा