नई दिल्ली: भारतीय मुक्केबाजों का स्पेन के ला नूसिया में चल रही युवा पुरुष और महिला विश्व चैंपियनशिप में दबदबा बरकरार रहा जब सात मुक्केबाजों ने फाइनल में जगह बनाई.
युवा एशियाई चैंपियन वंशज और विश्वनाथ सुरेश ने आशीष के साथ मिलकर खिताबी मुकाबले में जगह बनाई. भारत के तीनों पुरुष मुक्केबाज इस तरह सेमीफाइनल में जीत दर्ज करने में सफल रहे. महिला वर्ग में कीर्ति (81 किग्रा से अधिक), भावना शर्मा (48 किग्रा), देविका घोरपड़े (52 किग्रा) और रवीना (63 किग्रा) ने फाइनल में प्रवेश किया.
गुलनाज बुरिबायेवा को सर्वसम्मत फैसले में हराया:
विश्वनाथ ने पुएर्तो रिको के जुआनमा लोपेज को 4-1 से हराया जबकि वंशज (63.5 किग्रा) और आशीष (54 किग्रा) ने क्रमश: अमेरिका में डिशॉन क्रोकलेम और उज्बेकिस्तान के खुजानाजर नोरतोजीव को रोमांचक सेमीफाइनल मुकाबलों में 3-2 और 4-3 से शिकस्त दी. दूसरी तरफ कीर्ति को छोड़कर अन्य महिला मुक्केबाजों ने आसान जीत दर्ज की. कीर्ति ने कजाखस्तान की आसेल टोकटासिन को 3-2 से शिकस्त दी. रवीना और भावना ने कजाखस्तान की अपनी प्रतिद्वंद्वियों क्रमश: आसेम तनातर और गुलनाज बुरिबायेवा को सर्वसम्मत फैसले में हराया. देविका ने अमेरिका की आमेदाह को 4-1 से हराकर बाहर का रास्ता दिखाया.
शिकस्त के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा:
चार भारतीय महिला मुक्केबाजों तमन्ना (50 किग्रा), कुंजरानी देवी थोनगम (60 किग्रा), मुस्कान (75 किग्रा) और लाशु यादव (70 किग्रा) को हालांकि सेमीफाइनल में शिकस्त के साथ कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा. भारतीय मुक्केबाजों ने इस प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में दबदबा बनाया जहां क्वार्टर फाइनल में पहुंचे उसके 17 मुक्केबाजों में से 11 ने पदक पक्का किया जो मौजूदा टूर्नामेंट में किसी भी देश के सर्वाधिक पदक होंगे. टूर्नामेंट में 73 देशों के लगभग 600 मुक्केबाज हिस्सा ले रहे हैं.
मुक्केबाज अपने फाइनल मुकाबले शनिवार को खेलेंगे:
उज्बेकिस्तान ने 10 पदक पक्के किए हैं और वह दूसरे स्थान पर है. कजाखस्तान और आयरलैंड सात पदक के साथ संयुक्त तीसरे सथान पर हैं. महिला वर्ग में भारत का अधिक दबदबा रहा जहां उसकी आठ मुक्केबाजों ने पदक पक्के किए. उसके बाद कजाखस्तान (5) और उज्बेकिस्तान (4) का नंबर आता है. भावना और देविका शुक्रवार को स्वर्ण पदक के लिए चुनौती पेश करेंगी जबकि तीन पुरुष मुक्केबाज अपने फाइनल मुकाबले शनिवार को खेलेंगे. सोर्स-भाषा