VIDEO: सिरोही के माउंट आबू में होगा राज्य निर्वाचन आयुक्तों का सम्मेलन, कई अहम और ज्वलंत मसलों को लेकर होगा मंथन, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: देशभर के राज्य निर्वाचन आयुक्तों का जून के पहले सप्ताह में सिरोही के माउंट आबू में सम्मेलन होने जा रहा है. राज्यपाल कलराज मिश्र के मुख्य आतिथ्य में माउंट आबू में होने वाले इस सम्मेलन में देश के तमाम राज्य निर्वाचन आयोगों के सामान्य सरोकारों को लेकर मंथन करने के साथ उनके समाधान का ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा. इस सम्मेलन में राज्यों के साथ आयोगों के कई विवादित और अनछुए मसलों को लेकर भी विचार विमर्श होगा जिससे सीधी बातचीत के जरिए उनका समाधान निकाला जा सके. राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता की पहल पर राज्य में अपनी तरह का अनूठा राज्य निर्वाचन आयुक्तों का सम्मेलन माउंट आबू में होने जा रहा है. जून के पहले सप्ताह में राज्यपाल कलराज मिश्र के मुख्य आतिथ्य में होने वाले इस सम्मेलन में कई अहम और ज्वलंत मसलों को लेकर मंथन किया जाएगा. 

ये हैं खास मसले:
-सीमित संसाधनों में पूलिंग ऑफ रिसॉर्स कैसे हो ?
-सबसे कम समय में और सबसे किफायती तरह से कैसे संसाधनों का इस्तेमाल कैसे हो ?
-इसके तहत गंगानगर में चुनाव होने पर जयपुर के बजाय पंजाब या हरियाणा से क्यों ईवीएम नहीं भेजी जा सकती,ऐसे उदाहरणों और विषयों को लेकर होगा विचार विमर्श 
-अलग-अलग राज्यों की समानताओं और विषमताओं को लेकर होगा मंथन
-इसके बीच कानूनों में क्या समानता, क्या एकरूपता रखी जा सकती है,इसे लेकर होगा विचार
-देश में आधे राज्यों में अभी भी पंचायतों के चुनाव बैलट बॉक्स से होते हैं
-ऐसे में अलग-अलग प्रक्रियाओं और काम करने के तरीकों से एक-दूसरों के अनुभव से कैसे लाभ उठाया जाए, इसे लेकर होगा विचार

सिर्फ आयुक्त की शक्तियों को बताने वाले 1994 के एक्ट का विस्तार और क्या संशोधन हो सकता है, इसे लेकर मंथन हो सकेगा. अलग-अलग प्रदेशों में राज्य सरकारों से राज्य निर्वाचन आयोग के संबंधों को लेकर चर्चा होगी. पंचायत चुनाव में मतदान को लेकर कैसे जागरुकता बढ़ाकर चुनाव बहिष्कार जैसी तरकीबें रोकी जा सकती हैं,इसे लेकर चर्चा होगी. एप्स और आईटी आधारित सेवाओं का कैसे और कितना इस्तेमाल हो, इसे लेकर विचार होगा. सीमित संसाधनों में पंचायत,निकाय चुनावों का खर्च कैसे कम किया जाए,इसे लेकर भी विचार होगा. कई बार चुनाव तारीख की घोषणा से लेकर चुनाव करवाने तक जिला प्रशासन स्तर पर अपेक्षित सहयोग या तो नहीं मिल पाता या अधिकारियों के स्तर पर कोताही के मामले सामने आते हैं. ऐसे मसलों को लेकर भी दो दिवसीय सम्मेलन में विचार विमर्श होगा.