VIDEO: क्या फर्जी NOC से SSB अस्पताल में भी हुए ऑर्गन ट्रांसप्लांट ? SMS में ऑर्गन ट्रांसप्लांट NOC प्रकरण का बनता मकड़जाल, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी एनओसी प्रकरण के खुलासे से सरकारी अस्पतालों में हुए ऑर्गन ट्रांसप्लांट भी सवालों के घेरे में आ गए है. अकेले SMS मेडिकल कॉलेज से अटैच सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक अस्पताल में पिछले एक साल में 50 से अधिक ट्रांसप्लांट किए गए है. जिसमें से करीब आठ मरीज तो ऐसे चिन्हित किए गए है,जो 8 नॉन रिलेटेड श्रेणी के है. इन सभी ट्रांसप्लांट में फर्जी एनओसी का अंदेशा है, जिसको देखते हुए हाई लेवल जांच कमेटी ने तथ्य जुटाना शुरू कर दिए है.

एसएमएस अस्पताल का फर्जी एनओसी प्रकरण "मकड़जाल" में तब्दील होता नजर आ रहा है. हालांकि, चिकित्सा शिक्षा विभाग की तरफ से गठित कमेटी की जांच अभी जारी है. हालांकि,अभी कमेटी की रिपोर्ट अधिकृत रूप से नहीं आई है, लेकिन जांच में हर दिन कोई न कोई बड़ा खुलासा सामने जरूर आ रहा है. ताजा मामला एसएमएस मेडिकल कॉलेज से अटैच सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक से जुड़ा है, जहां पिछले एक साल में 50 से अधिक ऑर्गन ट्रांसप्लांट किए गए. जबकि अस्पताल की खुद की कोई कमेटी नहीं है. और एसएमएस की जिस कमेटी से अप्रूवल ली गई है,उसने पिछले एक साल में ही भी एनओसी जारी ही नहीं की इतना ही नहीं, आठ केस नॉन रिलेटेड श्रेणी के भी किए गए है, जिसके लिए राज्य स्तरीय कमेटी ही अधिकृत है. ऐसे में खुद सरकारी अस्पताल और वहां के जिम्मेदार चिकित्सक सवालों के घेरे में है. जांच टीम ने भी इस दिशा में सवाल जवाब शुरू कर दिए है कि कहीं एसीबी के हत्थे चढ़ने वाले गौरव सिंह ने सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक के मरीजों से भी पैसा लेकर फर्जी एनओसी तो जारी नहीं की है.

चार साल पहले ही खुल जाता फर्जी NOC का खेल !
SMS में ऑर्गन ट्रांसप्लांट NOC प्रकरण का बनता "मकड़जाल"
दरअसल, चेन्नई के डॉक्टर ने 2020 में ही लिख दिया था पत्र
राजस्थान से जारी एनओसी के पैटर्न पर पत्र में जताया था संदेह
सूत्रों की माने तो तत्कालीन प्रशासन ने पत्र की गंभीरता को नहीं समझा
और उसी गौरव सिंह के हाथ में थमा दी पत्र में लिखे बिन्दुओं की जांच
जिसके हाथों से जारी हुई NOC पर शक हुआ था चेन्नई के डॉक्टर को
ACB में ट्रेप गौरव सिंह ने मामला खुलता देख पत्र को किया "दफन"
इसी तरह का एक पत्र यूपी से भी SMS अस्पताल को मिलने की सूचना
ऐसे में सवाल ये कि क्या गौरव सिंह की अंगुलियों पर नाच रहा था प्रशासन ?
सवाल ये भी कि आखिर एक बाबू को किस का मिला हुआ था संरक्षण ?
जिसने रच दी जीवनदायनी अंगदान की मुहिम को बदनाम करने की पटकथा
फर्जी NOC प्रकरण में SMS मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ राजीव बगरहट्टा व SMS अधीक्षक डॉ अचल शर्मा को सवालों के घेरे में खड़ा किया जा रहा है. जबकि इन दोनों चिकित्सकों की सक्रियता से ही पूरा मामला एसीबी तक पहुंची और मुख्य आरोपियों को ट्रेप किया जा सका. हालांकि,इस पूरे प्रकरण में कई अन्य चिकित्सकों की भूमिका जरूर संदिग्ध है. जिनकी निगरानी में गौरव काम करता था.

फर्जी NOC प्रकरण में गौरव 'मास्टरमाइंड' या 'मोहरा'
SMS में ऑर्गन ट्रांसप्लांट NOC प्रकरण का "मकड़जाल"
एक अकेला कर्मचारी पूरे सिस्टम की आंखों में झोंकता रहा धूल
अकेले एक साल में एक हजार ट्रांसप्लांट और किसी को नहीं लगी खबर
प्रकरण के खुलासे के बाद हाईलेवल कमेटी जांच रही एक साल के दस्तावेज
जबकि पिछले करीब सात साल से गौरव ट्रांसप्लांट का ही देख रहा था काम
कई चिकित्सकों को मिली मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी, लेकिन सभी रहे अनजान
ऐसे में सवाल ये कि क्या एक बाबू ने ही रच दिया इतना बड़ा "खेल"
फिलहाल, सैंकडों ट्रांसप्लांट के हजारों दस्तावेजों में उलझा चिकित्सा विभाग
नियम विरूद्ध बनी कमेटियों के चलते हर दिन उलझता जा रहा प्रकरण

जिन्होंने खोला राज, वो ही कटघरे में खड़े....!
ऑर्गन ट्रांसप्लांट NOC के "मकड़जाल" से जुड़ी बड़ी खबर
कागजी बना ट्रांसप्लांट ऑफ ह्यूमन ऑर्गन एंड टिश्यू एक्ट-1994
एक्ट के तहत केन्द्र ने 2014 में नियमों में किया था बड़ा संशोधन
संशोधन के बाद प्रदेश में गठित कमेटियों में "गंभीरता" का दिखा अभाव
SMS में फिर चाहे हॉस्पिटल बेस्ड ऑथराइजेश कमेटी की हो बात
या फिर स्टेट लेवल ऑथराइजेश कमेटी का गठन और उसकी वर्किंग
जैसा हाईलेवल पर चाहा गया, उस हिसाब से कमेटियों ने की वर्किंग
आश्चर्य ये कि SMS मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ राजीव बगरहट्टा व
SMS अधीक्षक डॉ अचल शर्मा को जैसे ही "खेल" की लगी भनक
तो ACS शुभ्रा सिंह के निर्देशन में ACB से ली मदद,तब जाकर खुला "खेल"
खुद एसीबी DG ने भी स्वीकारा था कि SMS के इनपुट पर ही हुआ सफल ट्रेप
लेकिन आश्चर्य ये कि अब डॉ बगरहट्टा व डॉ अचल पर ही उठ रहे सवाल
चर्चा ये कि क्या दोनों प्रशासक खुद को बचाने के लिए यूं ही चलने देते "खेल"
ये ही बर्ताव रहा तो भविष्य में ऐसे गंभीर प्रकरणों पर कोई कैसे लेगा एक्शन?

ऑर्गन ट्रांसप्लांट फर्जी NOC प्रकरण में अभी कई खुलासे होने बाकी है. कई चिकित्सकों की भूमिका संदिग्ध है, जिन्होंने अपने बचाव में कई तरह के रास्ते निकालना शुरू कर दिया है. ऐसे में अब देखना ये होगा कि जांच कमेटी जीवनदायनी मुहिम को बदनाम करने वाले हर जिम्मेदार की भूमिका का पता लगा पाती है या नहीं.