Rajasthan News: डेंगू का मौतरूपी डंक ! बरसात के बाद मौसमी बीमारियों का "स्प्रेड", चिकित्सा विभाग चिंतित; जानें मौसमी बीमारियां कब बन जाती है जानलेवा

जयपुर: प्रदेश में मानसून भले ही मेहरबान ना हो, लेकिन बरसात के बाद होने वाले मौसमी बीमारियों "मौत" बांटने लगी है. पिछले डेढ़ माह की बात की जाए तो अकेले डेंगू ने पांच लोगों की जिन्दगी ले ली है. इतना ही नहीं स्क्रब टायफस समेत अन्य बीमारियां भी एकाएक पैर पसार रही है. आखिर क्या है मौसमी बीमारियों की स्थित और कैसे जनता कर सकती खुद का बचाव. 

पिछले तीन सालों से कोरोना का दंश झेल रहा राजस्थान अब मौसमी बीमारियों की चपेट में है. जयपुर समेत प्रदेशभर में बरसात के बाद बुखार के अलावा डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, स्क्रब टाइफस के मरीज एकाएक बढ़ने लगे है...सबसे बड़ा स्प्रेड डेंगू के रूप में देखा गया है, जिसकी चपेट में आने से पिछले एक माह में पांच मरीज जान गंवा चुके है. इसके दरमियान तीन हजार से अधिक डेंगू के नए केस चिन्हित किए गए है. हालांकि, सरकारी आंकड़ों पर गौर फरमाए तो सालाना डेटा में अधिकांश बीमारियां कंट्रोल में है, लेकिन फील्ड की स्थिति कुछ अलग ही नजर आ रही है. एसएमएस समेत जयपुर के अधिकांश सरकारी और निजी अस्पतालों की ओपीडी व आईपीडी में हाउसफुल जैसे हालात है. आईए आपको बताते है राजस्थान में मौसमी बीमारियों की सरकारी रिपोर्ट की बानगी...

आइए आपको बताते है डेंगू का भयावह रूप
माह::::::::::::::::::::डेंगू के केस

जनवरी 2023 --- 212
फरवरी 2023 --- 135
मार्च 2023 ----- 77
अप्रेल 2023 ---- 82
मई 2023 ------- 68
जून 2023 ------ 84
जुलाई 2023 --- 325
अगस्त 2023 --- 1864
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(राजस्थान में बड़ी बीमारियों का रिपोर्ट कार्ड )

बीमारी - स्वाइन फ्लू
मौत - जीरो
नए केस - 45

स्वाइन फ्लू के ये लक्षण: तीन से चार दिन तक खांसी, जुखाम, बुखार, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी, दस्त, पेटदर्द, बलगम में रक्त आना, नाखूनों में नीलापन
स्वाइन फ्लू से बचाव: भीडभाड वाले स्थान पर जाने से बचे, यदि किसी भी तरह के लक्षण नजर आए तो तत्काल चिकित्सक से परामर्श ले....
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बीमारी - डेंगू
मौत - 6
नए केस - 3463

डेंगू के ये लक्षण: अचानक बुखार आना, सिर में आगे की तरफ तेज दर्द, आंखों के पीछे व आंखों के हिलने में दर्द, मांसपेशियों जोड़ों में दर्द, स्वाद का पता न चलना व भूख न लगता
डेंगू से बचाव: घर में मच्छरों को न पनपने दें....किसी भी जगह पानी एकत्र न होने दें....पूरे शरीर को ढककर रहे....बीमारी के लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करें
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बीमारी - स्क्रब टाइफस
मौत - 4
नए केस - 1105

स्क्रब टाइफस के ये लक्षण: सर्दी लगकर अचानक बुखार आना, सिर में दर्द, शरीर के ऊपर दाने, आंखों में जलन, मांसपेशियों में दर्द, सूखी खासी,  
स्क्रब टाइफस से बचाव: यह बीमारी माइट या पिस्सू के काटने से फैलती है...ऐसे में जरूरी है कि खेतों में काम करते वक्त पूरी बाहों के कपड़े पहने, कीटों से बचाने वाली क्रीम त्वचा पर लगाए.....घर या घर के आसपास चूहे ना होने दें....क्योंकि, चूहों के शरीर पर वे कीट रहते है, जिनसे स्क्रब टाइफस बैक्टीरिया फैलते है.....
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बीमारी - मलेरिया
मौत - जीरो
नए केस - 1264

मलेरिया के ये लक्षण: बुखार, पसीना आना, शरीर में दर्द और उल्टी आना
मलेरिया से बचाव: अपने आस-पास गंदगी और पानी इकठ्ठा न होने दें....बुखार जैसे लक्षण दिखते ही तत्काल चिकित्सक से परामर्श लें

अतिरिक्त निदेशक डॉ रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि वे खुद कोटा का दौरा करके आए है. इस दौरान सामने आया है कि हॉस्टल्स में लापरवाही बरती जा रही है, जिसके चलते डेंगू के मच्छर पनप रहे है. डेंगू के बेकाबू होती तस्वीर पर खुद एसीएस शुभ्रा सिंह भी चिंतित है. सिंह ने कोटा कलक्टर को निर्देश दिए है कि वे छात्रावासों का निरीक्षण करवाएं. इस दौरान मच्छरों के पनपने के कारणों का तत्काल समाधान कराया जाए.

    

प्रदेश में एकाएक मौसमी बीमारियों के प्रकोप ने सभी को चिंता में डाल दिया है. हालांकि, चिकित्सा विभाग "हमारा स्वास्थ्य, हमारी जिम्मेदारी" चलाने का दावा तो कर रहा है, लेकिन फील्ड में लापरवाही के केस लगातार सामने आ रहे है. अब देखना ये है कि एसीएस की सख्ती के बाद फील्ड में क्या असर देखा जाता है. इसके साथ ही आमजन से भी उम्मीद है कि वे बीमारियों की रोकथाम के लिए गाइडलाइन की पालना करेंगें, ताकि हालात जल्द ही कंट्रोल में आए.