VIDEO: आबकारी विभाग ने होलोग्राम सिस्टम किया और सख्त, सिस्टम में लापरवाही जिम्मेदारी की जेब पर भारी पड़ेगी, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: राजस्थान में नकली शराब के उत्पादन व परिवहन पर प्रभावी रोक के लिए लागू होलोग्राम सिस्टम को विधानसभा चुनाव को देखते हुए अब और सख्त किया गया है. इसमें लापरवाही अब जिम्मेदारों की जेब पर भारी पड़ेगी. नकली शराब के उत्पादन और उसके परिवहन पर प्रभावी नियंत्रण लगाने और ग्राहकों तक असली मदिरा की आपूर्ति के लिए आबकारी विभाग की ओर से प्रदेश में होलोग्राम सिस्टम लागू है. शराब की बोतल पर लगा होलोग्राम शराब के वैध होने और उसके असली होने का प्रमाण है. आपको सबसे पहले बताते हैं कि यह सिस्टम आखिर है क्या और इस सिस्टम में किस तरह सेंधमारी की जा रही है?

सिस्टम आखिर है क्या :
-आबकारी विभाग के माध्यम से प्रदेश में हर तरह की मदिरा की आपूर्ति लाईसेंस धारियों को की जाती है 
-लाईसेंस धारी की दुकान से शराब ग्राहक तक पहुंचती है
-शराब का जहां उत्पादन होता है, उस इकाई में उत्पादित बोतलों के अनुसार होलोग्राम दिए जाते हैं
-आबकारी विभाग की ओर से ये होलोग्राम उत्पादन इकाईयों को उपलब्ध कराए जाते हैं
-इन्हीं इकाईयों में बोतलों पर होलोग्राम लगाया जाता है
-ये होलोग्राम लगी बोतले इकाई से गोदाम,फिर दुकान से होते हुए ग्राहक तक पहुंचती है
-बोतल पर लगे होलोग्राम के क्यू आर कोड को एक्साइज सिटीजन एप के माध्यम से स्कैन किया जा सकता है
-क्यू आर कोड को स्कैन करने पर शराब के उत्पादन की इकाई, उत्पादन की तिथि, ब्रांड और
-बोतल में शराब की मात्रा सहित तमाम जानकारी उपलब्ध हो जाती है
-यह होलोग्राम शराब के असली होने की पूरी गारंटी है
-पिछले कई दिनों से उत्पादन इकाईयों से होलोग्राम चोरी होने की घटनाएं सामने आई हैं
-आबकारी दस्तों की धरपकड़ में राज्य में आने वाली अवैध शराब की बोतलों पर भी ये होलोग्राम दिखाई दिए
-साथ ही नकली होलोग्राम लगी अवैध शराब की बोतलों को आबकारी दस्तों ने बरामद किया है

चोरी किए गए होलोग्राम का दुरूपयोग अवैध और नकली शराब की बोतलों में किया जा रहा है. होलोग्राम की चोरी राेकने और इस सिस्टम को और प्रभावी बनाने के लिए विधानसभा चुनाव के मद्देनजर आबकारी आयुक्त ओम कसेरा ने आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के तहत मदिरा बनाने वाली इकाईयों की जिम्मेदारी तय की गई है. पहली बार इन इकाईयों से वसूली की व्यवस्था लागू की गई है. आपको विस्तार से बताते हैं कि इस नए आदेश के तहत किस प्रकार की व्यवस्था लागू की गई है.

किस प्रकार की व्यवस्था:

-होलोग्राम प्रिंटिंग प्रेस उदयपुर से होलोग्राम जारी होने के बाद उनके सुरक्षित परिवहन व भंडारण की जिम्मेदारी मदिरा निर्माण इकाई की होगी
-इस दौरान होलोग्राम चोरी या गुम हो जाते हैं तो संबंधित मदिरा निर्माण इकाई से वसूली की जाएगी
-इंडियन मेड फॉरेन लिकर (आईएमएफएल) और देशी मदिरा की बोतल का होलोग्राम चोरी या गुम हो जाता है तो
-जितने होलोग्राम चोरी या गुम हुए हैं उसके अनुसार 750 मिली लीटर बोतल और
-बीयर की बोतल का होलोग्राम चोरी या गुम होने पर 650 मिली लीटर तक की बोतल पर लागू आबकारी ड्यूटी,
-अतिरिक्त आबकारी ड्यूटी,परमिट फीस व वेण्ड फीस आदि की वसूली मदिरा निर्माण इकाई से की जाएगी
-अगर होलोग्राम में 0.2 प्रतिशत से कम नुकसान हुआ है तो वेस्टेज होलोग्राम का पूरा रिकॉर्ड संधारित किया जाएगा
-वेस्टेज होलोग्राम को  निर्धारित अधिकारियों की देखरेख में इस 30 नवंबर तक नष्ट किया जाएगा
-अगर होलोग्राम की क्षति 0.2 प्रतिशत से अधिक है तो अतिरिक्त आबकारी आयुक्त जोन की देखरेख में नष्टीकरण किया जाएगा
-खराब होलोग्राम की नष्टीकरण सहित लागत संबंधित इकाई को वहन करनी होगी
-अधिकारियों की निर्धारित कमेटी खराब हुए होलोग्राम को निस्तारण करवाकर हर महीने की 15 तारीख  को मुख्यालय को रिपोर्ट भेजेगी
-किसी इकाई का कर्मचारी होलोग्राम के दुरूपयोग का दोषी पाया जाता है तो संबंधित इकाई उस कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई करेगी
-संबंधित इकाई ऐसा नहीं करती है तो विभाग की ओर उसे इकाई के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी