VIDEO: प्रदेश में वाइल्ड लाइफ टूरिज्म का स्वर्णकाल, बीते वर्ष प्रदेश में 15 लाख से ज्यादा आए वाइल्डलाइफ टूरिस्ट, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: प्रदेश में वाइल्ड टूरिज्म परवान पर है. बीते वर्ष प्रदेश में 15 लाख से ज्यादा वाइल्डलाइफ टूरिस्ट आए. अकेले जयपुर में यह संख्या साढ़े आठ लाख से ज्यादा रही. अब वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने भी विभागीय अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वन्यजीव संरक्षण और वाइल्डलाइफ टूरिज्म को लेकर समन्वय से काम करें और अपनी भागीदारी से इसे और पुख्ता करें. 

प्रदेश में वाइल्डलाइफ टूरिस्ट की संख्या (वर्ष 2023)

स्थान                                    पर्यटक                 राजस्व

रणथंभौर टाइगर रिजर्व            6,30,532               55.65 करोड़

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क    3,74,326              1.75 करोड़

नाहरगढ़ लॉयन सफारी            15,701                 31.4 लाख

सरिस्का टाइगर रिजर्व              70,000                2.91 करोड़

झालाना लेपर्ड रिजर्व                44052                   3.52 करोड़

आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व               10,838                  87.04 लाख

हाथी गांव                                99,389                 90.08 लाख

जयपुर चिडियाघर                    3,14,449               61.49 लाख

प्रदेश में बाघों की संख्या 100 के पार पहुंचने और नए लेपर्ड रिजर्व्स की शुरुआत ने वाइल्डलाइफ पर्यटन की तस्वीर बदल कर रख दी है. लोगों का रुझान वन्यजीव और प्रकृति की तरफ बढ़ा है. यही कारण है कि राजस्थान में बाघ और लेपर्ड सहित विभिन्न वन्यजीवों को देखने आने वाले सैलानियों की संख्या में जोरदार वृद्धि देखने को मिली है. यूं तो प्रदेश में पांच टाइगर रिजर्व हैं लेकिन सफारी रणथंभौर, सरिस्का और रामगढ़ विषधारी में ही होती है. विषधारी में फिलहाल शुरुआती दौर है. रणथंभौर के डीसीएफ टूरिज्म संदीप चौधरी ने बताया कि वर्ष 2023 में रणथंभौर सफारी के लिए 6 लाख 30 हजार से ज्यादा पर्यटक आए जिनसे 55 करोड़ 65 लाख रुपए राजस्व मिला. सरिस्का के डीसीएफ देवेंद्र जगावत ने बताया कि सरिस्का आने वाले पर्यटकों की संख्या 70 हजार रही इनसे 2 करोड़ 91 लाख से ज्यादा राजस्व मिला. यदि वाइल्डलाइफ टूरिज्म में अकेले जयपुर की बात करें तो यहां झालाना और आमागढ़ लेपर्ड रिजर्व, नाहरगढ़ लॉयन सफारी, हाथी सफारी, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क और चिड़ियाघर है. 

यहां बीते वर्ष में करीब साढ़े आठ लाख पर्यटक आए जो आने आप में रिकॉर्ड है. डीसीएफ संग्राम सिंह के नेतृत्व में एसीएफ रघुवीर मीणा, रेंजर जनेश्वर चौधरी, नितिन शर्मा और गौरव चौधरी ने मुस्तैदी से वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन प्रबंधन को संभाल रखा है. मुहाना वैटलैंड तैयार होने क बाद यहां पर्यटकों की संख्या में और इजाफा होगा. कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि राजस्थान वन्यजीव संरक्षण और पर्यटन को लेकर सही दिशा में बढ़ रहा है. अब वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा के नेतृत्व में प्रदेश में वाइल्ड लाइफ कंजर्वेशन और टूरिज्म में नवाचार भी देखने को मिलेंगे और तेजी से काम भी होंगे.