नेशनल वोटर्स डे पर राज्यपाल मिश्र बोले- पात्र मतदाताओं का पंजीकरण हो सुनिश्चित, लोकतंत्र में हर वोट का महत्व

जयपुरः आज 14 वां नेशनल वोटर्स डे है. ऐसे में इस खास मौके पर झालाना के RIC में कार्यक्रम आयोजित किया गया. जहां मुख्य अतिथि के तौर पर राज्यपाल कलराज शिरकत कर रहे है. कार्यक्रम में उत्कृष्ट कार्य करने वाले 35 अधिकारी और कर्मचारी को सम्मानित कि जाएगा. 

कार्यक्रम में CS सुधांश पंत,राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता और संभागीय आयुक्त आरुषि मालिक मौजूद रहे. 

पात्र मतदाताओं का पंजीकरण हो सुनिश्चितः
राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि पात्र मतदाताओं का पंजीकरण सुनिश्चित हो. विविधता में एकता से भारत की पहचान है हम अच्छे जनप्रतिनिधि का चुनाव करते हैं तो देश और समाज आगे बढ़ता है.इसलिए आज देश के विकास में भागीदार हो. लोकतंत्र में हर वोट का महत्व है. हर मतदाता मतदान का प्रयोग करे. एप के प्रयोग से निर्वाचन प्रक्रिया बेहद सुगम हुई है. बीस लाख से ज्यादा मतदाता का पंजीकरण हुआ. ऑनलाइन प्रक्रिया से सबसे ज्यादा आवेदन राजस्थान में, यह अच्छा उदाहरण है. पात्र मतदाता घर बैठे मतदाता पंजीकरण की प्रक्रिया करे. मतदाता साक्षरता क्लब की संख्या 71303 हो गई है. मतदान प्रतिशत बढ़ाने पर ज्यादा से ज्यादा कार्य हो. इस विधानसभा चुनाव में पिछली बार के 70 करोड़ के मुकाबले 700 करोड़ की राशि की अवैध सामग्री बरामद हुई है. शत प्रतिशत मतदाता जागरुकता के कार्य करने के लिए संकल्प लिया जाए. कृत्संकल्प BLO की जरूरत है. 

मतदान में युवाओं की बढ़ी भागीदारीः
CEO प्रवीण गुप्ता ने कहा कि 6 जनवरी 2024 को राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 5,28,11,762 थी. 24 जनवरी को यह बढ़कर 5,30,18,157 हो गई. इनमें 2,75,15,791 पुरुष, 2,53,59,762 महिला एवं 605 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल है. समारोह में लगाई मतदाता जागरुकता प्रदर्शनी गई है. प्रदर्शनी में आजादी से लेकर अब तक के निर्वाचन के सफर को दर्शाया गया है. प्रदेश में हुए विधानसभा आमचुनावों, दिव्यांगजन, ट्रांसजेण्डर युवाओं की बढ़ती भागीदारी को दिखाया गया है. 

उन्होंने कहा कि 50 लाख मतदाताओं ने ऑनलाइन तरीके से नाम जुड़वाया है. निर्वाचन विभाग के राज्य निर्वाचन आईकॉन भी इस अवसर पर उपस्थित है. राष्ट्रीय मतदाता दिवस का आयोजन प्रदेश के सभी जिलों में बूथ स्तर तक जारी है. 22 लाख से ज्यादा युवाओं ने नाम जुड़वाया है. यह चुनाव वाले पांच राज्यों में सबसे ज्यादा PWD वोटिंग हुई 78 फीसदी, 75.41% कुल वोटिंग हुई. पहली बार 80 वर्ष से ज्यादा बुजुर्गों और 40% से ज्यादा दिव्यांगों ने होम वोटिंग की. स्कूलों में EVM डेमो जारी रहेगा. सी विजिल एप से 23 हजार शिकायतों का निस्तारण हुआ है. जो चुनाव वाले पांच राज्यों में सबसे ज्यादा है. 

2011 में हुई राष्ट्रीय मतदाता दिवस की शुरुआतः
प्रवीण गुप्ता ने कहा कि 2011 में निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाने की शुरुआत की. राज्य, जिलों, बूथों तक इस दिवस को मनाया जा रहा है. मतदाताओं के नाम जोड़ने के लिए अभियान चलाया जाता है. वोटर लिस्ट में नाम जोड़ने का काम हो रहा है. विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण हुआ, मतदान प्रतिशत बढ़ा है. किसी भी जगह पुनर्मतदान नहीं हुआ, ना ही कोई हिंसा हुई. सभी विभागों ने विधानसभा चुनाव में अपनी भूमिका निभाई. बुजुर्गों और दिव्यांगों ने होम वोटिंग को अपनाया, घर से वोट किया. लोकसभा चुनाव के लिए मतदाताओं को जागरुक किया जा रहा है. 

ECI का उद्देश्य अच्छा माहौल बनाने काः
मुख्य सचिव सुधांश पंत ने संबोधित करते हुए कहा कि आज न सिर्फ हम मतदाता दिवस मना रहे है. बल्कि आज चुनाव आयोग की स्थापना का दिन है. हाल ही में विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण तरीके से हुए. रिकॉर्ड मतदान 75.33% के लिए बधाई. आशा करते है कि ऐसा ही उत्साह लोकसभा चुनाव में भी दिखे. ECI का अच्छा माहौल बनाने का उद्देश्य है. अभी भी हर चार में से एक मतदाता मतदान नहीं कर पाया. जिसकी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए सुधार करना जरूरी है. स्लोगन के इर्द गिर्द प्रचार प्रसार होगा. जिससे ज्यादा मतदाता का प्रयोग ज्यादा हो सकेगा. स्टूडेंट्स, NGO की बड़ी भूमिका है. कॉलेजों में ELC क्लब को मजबूत करने का प्रयास होना चाहिए. हर चार में से 3 निःशक्तजन ने मतदान किया है. यदि सुविधा न दी होती तो तह संख्या एक हो सकती थी. महिलाओं का मतदान प्रतिशत अच्छा रहे है. साढ़े 4 लाख पोस्टल बैलट कास्ट हुए. रिजेक्ट पोस्टल बैलट की संख्या कम थी, इसमें भी बड़ी भूमिका दिखी है. अब हम डेमोक्रेसी की मैच्योर स्टेज में पहुंच चुके है. विश्व के वोटिंग प्रतिशत से हमारी वोटिंग परसेंट अच्छी हुई है. आशा करते हैं यह और अधिक रहेगी. सभी पुरस्कार लेने वालों को बधाई. यह आशा करता हूं कि वोटर रिवीजन का काम उसी निष्ठा से संपादित होंगे. 

राज्य निर्वाचन आयुक्त मधुकर गुप्ता ने कहा कि हमारे लोकतंत्र टियर सिस्टम है जिसमें पंचायतीराज संस्थान के चुनाव अहम कड़ी है. पंचायतीराज संस्थाओं के पहले उपचुनाव साल में एक या दो बार होते थे. हमने नवाचार किए जिसके चलते अब हर माह और 3 माह में कोई भी पद रिक्त नहीं रहेगा. हमने हर तहसील में प्रोफेशनल्स चिन्हित किए. इन ट्रेंड कर्मियों से EVM की FLC करनी शुरू की जिससे खासा खर्च कम हुआ है. हमने पोस्टल बैलट से चुनाव का निर्णय कलेक्टर पर छोड़ा है. जो स्थिति देखकर निर्णय करते हैं.