VIDEO: SMS अस्पताल में "क्राउड मैनेजमेंट" की दिशा में अहम कदम, मरीजों की सर्वाधिक संख्या वाले OPD अब दो-दो जगह संचालित, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : SMS अस्पताल की धनवंतरी ब्लॉक में सर्वाधिक मरीजों के भार वाले ओपीडी को विभाजित करने की कवायद धरातल पर उतरना शुरू हो गई है. अस्पताल में मेडिसिन के बाद अब तीन अन्य ओपीडी भी क्राउड कंट्रोल के लिए दो-दो जगह पर संचालित होंगी, जिनमें से हैंड सर्जरी ओपीडी की विधिवत शुरूआत आज से हो गई. आखिर क्या है एसएमएस ओपीडी नई व्यवस्था और मरीजों को कैसे मिलेगा फायदा. 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की निशुल्क जांच-दवा योजना के बाद फ्री ट्रीटमेंट की घोषणा का सबसे ज्यादा असर एसएमएस अस्पताल में देखा जा रहा है. यहां रोजाना 10 से 12 हजार मरीज परामर्श के लिए आते है. जिनमें से सर्वाधिक मरीज मेडिसिन, कार्डियोलॉजी, ऑर्थोपैडिक और न्यूरो विंग में पहुंचते है. ऐसे में अस्पताल अधीक्षक डॉ अचल शर्मा ने इन विंग में काउंड कंट्रोल के लिए नई प्लानिंग की जिसके तहत इन ओपीडी को दो-दो भाग में विभाजित किया जा रहा है. पहले चरण में मेडिसिन ओपीडी को सेग्रेगेट किया जा चुका है. अब ऑर्थो विभाग के हैण्ड सर्जरी, न्यूरो विभाग की स्पेशिलिटी क्लिनिक व कार्डियक थोरेसिक विभाग की डेडिकेटेड ओपीडी को पहली फ्लोर पर शुरू किया गया है.

इस नई व्यवस्था में न्यूरोलॉजी से जुड़ी अलग-अलग स्पेशिलिटी की बीमारियों के क्लिनिक सुबह नौ बजे से दोपहर 12 बजे तक संचालित किए जाएंगे. विभाग की एचओडी डॉ भावना शर्मा ने बताया कि देशभर में इस तरह डेडिकेटेड न्यूरो डिजीज शुरू करने वाला एसएमएस पहला इंस्टीट्यूट है.

सप्ताह में छह दिन चलेगा न्यूरोलॉजी स्पेशिलिटी ओपीडी
SMS अस्पताल में ओपीडी की नई व्यवस्था से जुड़ी खबर
सोमवार को स्ट्रोक क्लिनिक, मंगलवार को मूमेंट डिस्ऑर्डर,
बुधवार को एपिलेप्सी क्लिनिक, गुरुवार को हेडेक क्लिनिक,
शुक्रवार को न्यूरोलॉजिकल रिहेबिलिटेशन क्लिनिक और
शनिवार को डिमेंशिया क्लिनिक का किया जाएगा संचालन
न्यूरोलॉजी एचओडी डॉ भावना शर्मा के निर्देशन में चलेंगे ओपीडी

अस्पताल प्रशासन ने ओपीडी सेग्रेगेटे करने के साथ ही सैम्पल कलेक्शन और ड्रग डिस्ट्रीब्यूशन की भी विशेष व्यवस्था की है. ताकी परामर्श के बाद मरीज को सैम्पल के लिए कतारों में इंतजार ना करने पड़े और दवाएं भी जल्द मिल जाए. ऐसे में उम्मीद ये है कि जिस मंशा के साथ ओपीडी को विभाजित करने का काम किया गया है, उसे पूरा करने के लिए प्रशासन के हर जिम्मेदार अधिकारी भी जुटेंगे. ताकि मरीजों को भीड़ से रूबरू नहीं होना पड़े .