भारत की जी20 अध्यक्षता उसके लिये ‘ग्लोबल साउथ’ से दूसरों के साथ अनुभव साझा करने का वास्तविक अवसर- संयुक्त राष्ट्र

न्यूयॉर्क: जी20 अध्यक्ष के रूप में भारत की भूमिका इसके लिए ‘ग्लोबल साउथ’ से दुनिया के बाकी हिस्सों से अनुभव साझा करने का एक “वास्तविक अवसर” है. संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था की एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही. उन्होंने भारत द्वारा महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास और लैंगिक समानता के मुद्दों को समूह की अध्यक्षता के केंद्र बिंदु के रूप में रखने के लिये उसकी सराहना की.

भारत ने एक दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक एक वर्ष के लिये जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है. संरा की सहायक महासचिव और संरा महिला संस्था की उप कार्यकारी निदेशक अनिता भाटिया ने सोमवार को यहां ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, “मैं भारत की जी20 अध्यक्षता को उसके लिए ‘ग्लोबल साउथ’ से मिले अनुभव को शेष दुनिया के साथ साझा करने के एक वास्तविक अवसर के रूप में देखती हूं. उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महिला संस्था के रूप में हमारे लिए, जो वास्तव में दिलचस्प है... वह यह है कि भारत महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास के मुद्दे को कैसे रख रहा है और लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित कर रहा है. भाटिया ने कहा, “एक चीज जो (भारत की जी20) अध्यक्षता कर सकती है, वह दूसरों के साथ विकास की उन कहानियों और व्यावहारिक प्रतिक्रियाओं को साझा करना है जो पहले से ही कारगर रही हैं. क्योंकि हर कोई ऐसे समाधान चाहता है जो प्रभावी हों, खासकर महामारी के बाद के दौर में.”

जी20 (20 देशों का समूह) दुनिया की प्रमुख विकसित और विकासशील अर्थव्यवस्थाओं का एक अंतर-सरकारी मंच है. इसमें अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ (ईयू) शामिल हैं. भारत के अध्यक्षीय कार्यकाल का ध्येय वाक्य “एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य” है जो ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है. भाटिया हाल में भारत में थीं जहां उन्होंने 11 फरवरी को आगरा में ‘जी20 एम्पावर’ की उद्घाटन बैठक को संबोधित किया था. सोर्स- भाषा