VIDEO: जयपुर पुलिस ने अजमेर जेल में मोबाइल पहुंचाने का नेटवर्क तोड़ा, जेल के 2 कर्मचारियों समेत 11 बदमाशों को दबोचा, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर : अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद बदमाशों द्वारा फोन पर धमकी देकर रंगदारी वसूलने के खेल पर जयपुर कमिश्नरेट पुलिस ने कड़ा प्रहार किया है. जयपुर पुलिस ने अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में दबिश देकर वहां पर गोगामेडी मर्डर केस में बंद सुमित यादव और जेल के दो कर्मचारियों समेत 11 बदमाशों को अरेस्ट किया है. जेल में बंद बदमाशों तक जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से मोबाइल और अन्य साजो सामान पहुंचाया जा रहा था. धमकी के लिए जेल में बंद बदमाशों तक मोबाइल पहुंचाने, फिरौती की रकम वसूलने सहित पूरे खेल के लिए बदमाशों की एक गैंग सक्रिय थी.

राजधानी जयपुर के व्यापारियों को पिछले कई माह से फोन पर धमकी देकर रंगदारी मांगने के मामले सामने आ रहे थे और धमकी देने वाले कहते है की हम अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल से बोल रहे है.इसी प्रकार के एक मामला हरमाडा इलाके में सामने आया था जब बदमाशों ने रंगदारी नहीं पर एक व्यापारी की हत्या की साजिश भी रच ली, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई करते हुए हथियारों समेत 16 बदमाशों को दबोचा था. जब उनसे पूछताछ शुरू हुई तो सामने आया की वाकई में अजमेर जेल में बंद हार्डकोर बदमाश मोबाइल के जरिए व्यापारियों को फोन कर रंगदारी मांगते है, लेकिन बडा सवाल यह था की हाई सिक्योरिटी जेल में बदमाशों के पास मोबाइल कैसे पहुंचता है.यही जानने के लिए पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने एक टीम का गठन किया और उसे काम पर लगा दिया.

पुलिस टीम धीरे धीरे अपना काम कर रही थी, लेकिन इस दौरान भी  लगातार कभी वैशालीनगर, कभी श्याम नगर सहित अन्य थाना इलाकों में विभिन्न व्यापारियों को धमकियां देकर अवैध राशि की मांग की जा रही थी. कुछ लोग एक्सटॉर्शन की राशि गोपनीय रूप से दे भी देते है. धमकी देने वाले सभी लोग संगठित आपराधिक गैंग से जुड़े थे. जिन्होंने सूखदेव सिंह गोगामेड़ी हत्याकाण्ड को अंजाम दिया गया था. इस गैंग के नितिन फोजी, रोहित राठौड़ और सुमित यादव वगैरह अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में पहले से बंद है. टीम ने 25 अप्रेल को मुखबीर से सूचना मिली थी कि विक्रम सिंह उर्फ कालू द्वारा अजमेर हाई सिक्यूरिटी जेल में बन्द मुल्जिमों के उपयोग के लिए मोबाइल फोन फेंके जाएंगे. इस मोबाइल से फोन कर गैंग द्वारा धमकी देकर रुपए मांगे जाएंगे. इस पर हरियाणा से आ रहे विक्रम सिंह उर्फ कालू को चित्रकूट पुलिस द्वारा दबोचा गया. विक्रम सिंह के कब्जे से एक देशी कट्टा और दो मोबाइल जब्त किए गए. पुलिस टीम को इनपुट मिल चुका था और अब काम उस इनपुट को डवलप कर कार्रवाई करने का था, लेकिन पुलिस अधिकारी इस बात को जानते थे कि बिना जेल कर्मचारियों की मिलीभगत के मोबाइल जेल के अन्दर नहीं पहुंच सकते.ऐसे में पुलिस टीम ने इस पूरे गिरोह तक पहुंचने के लिए चक्रव्यूह रचा.

पुलिस अपने तरीके से योजनाबद रूप से काम करते हुए सभी बदमाशों तक पहुंच गई और पुलिस ने गोगामेडी मर्डर केस में बंद सुमित यादव और जेल के दो कर्मचारियों सहित 11 बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया.जब पूछताछ शुरू हुई तो सामने आया की जीतू द्वारा हथियार उपलब्ध करवाया गया व एमपी से सप्लाई मंगाकर और पिस्टले उपलब्ध करवाई जानी थी, रामस्वरूप उर्फ गजनी द्वारा सुमित यादव का जेल कर्मियों और जीतू से सम्पर्क करवाया गया. प्रियांशु, शाहिल व नरेश जांगिड़ को एक्सटॉर्शन की राशि को विभिन्न माध्यमों से केन्टीन की सप्लाई से जुड़े गंगाराम के मार्फत जेल में पहुंचा रहे थे. राकेश जांगिड़ जो कैमरा रिपेयरिंग का काम करता है उसके द्वारा प्रियांशु के माध्यम से कुछ धनराशि प्राप्त कर उसके बदले में ड्रील मशीन में रखकर जेल में फोन पहुंचाए गए, लेकिन जयपुर पुलिस ने इन बदमाशों के मंसूबों पर पानी फेर दिया.

पुलिस अधिकारियों की माने तो इस संगठित गिरोह के सदस्यों के तार आपस में जुडे हुए है. संगठित आपराधिक गैंग में गिरफ्तार बदमाश जीतराम चौधरी उर्फ जीतु और रामस्वरूप पूर्व में रामकेश मीणा हत्याकांड में केसवार रहे है. जेल में इनकी दोस्ती सुमित यादव से हो गई. वर्तमान में सुमित यादव अजमेर हाईसिक्योरिटी जेल में बंद है और रामस्वरूप चौधरी अजमेर का रहने वाला हैं. रामस्वरूप और सुमित पूर्व में जयपुर जेल में बंद रहे थे. जेल प्रहरी पवन जागिड वर्ष 2021 अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में जेल प्रहरी के पद तैनात है,  गिरफ्तार किया गया . विक्रम सिंह मेडता सिटी उपकारागार में जेल प्रहरी है. पहले विक्रम अजमेर हाई सिक्योरिटी जेल में कैंटीन सहायक के पद तैनात था. दोनों जेल में आलीशान सुविधाएं उपलब्ध करवाने, एक्सटॉर्शन के लिए फोन उपलब्ध करवाने के सहयोग करने के षडयंत्र के हिस्सेदार रहे है.

बहरहाल जयपुर पुलिस ने इस पूरे गौरखधंधे की पोल खोलते हुए इन बदमाशो को गिरफ्तार कर जेल में मोबाइल पहुचाने की वारदातो पर लगाम लगाई है, लेकिन बड़ा सवाल अभी भी है की जब अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में मोबाइल पहुंच सकते है तो प्रदेश की अन्य जेलों में तो हालात ओर भी भयावह हो सकते है. ऐसे में जरूरत है की जेल सुरक्षा को ओर भी मजबूत बनाया जाए.

...सत्यनारायण शर्मा,फर्स्ट इंडिया न्यूज,जयपुर