VIDEO: राजस्थान में नई सरकार के सामने कई चुनौतियां, कानून व्यवस्था से लेकर आर्थिक स्थिति में सुधार तक है अहम

जयपुर: भारतीय जनता पार्टी की राज्य में सरकार बनने जा रही है. लेकिन उसी के साथ नई सरकार के गठन में सरकार के सामने कई बड़ी चुनौतियां हैं. मुख्यमंत्री जो भी बनेगा उसके सामने बहुत बड़ा कांटों भरा ताज सा होगा. 

अशोक गहलोत सरकार के जाते ही और भाजपा सरकार के बहुमत में आते ही नई सरकार के गठन का काउंटडाउन शुरू हो चुका है. बेहद जल्द किसी योग्य लीडर को मुख्यमंत्री बना दिया जाएगा. मुख्यमंत्री बनाए जाने के साथी इंतजार तो समाप्त हो जाएगा लेकिन सबसे बड़ी चुनौती इस वक्त कानून व्यवस्था की है क्योंकि नई सरकार के गठन से ठीक पहले सुखदेव सिंह गोगामेडी हत्याकांड ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. इन पांच सालों में गेंगवार इस कदर बड़ी है कि पूरे राजस्थान में कहीं ना कहीं कोई ना कोई बढ़िया अपराधी घटना सामने आ रही थी. हालांकि राजू ठेठ हत्याकांड से लेकर अनेक चर्चित हत्याकांड हुए हैं. लेकिन सुखदेव सिंह गोगामेडी की हत्या के साथ ही राजपूत समाज का गुस्सा सड़कों पर देखने को मिला. अन्य कई सामाजिक संगठनों ने भी इस पूरे मामले पर समाज का साथ दिया. बात यहीं खत्म नहीं हो जाती अलग-अलग गैंग और माफिया इस कदर हावी हो चुके हैं कि कमोबेश 6 महीने से पहले किसी भी सरकार के सामने इन माफिया को खत्म करना बड़ी चुनौती होगी.

चाहे पुलिस को पीटे जाने की घटनाएं हो या पुलिस पर हमले की घटनाएं या फिर दुष्कर्म और बलात्कार से जुड़ी घटनाएं. माफिया की वसूली से लेकर जमीनों के धंधे. भारतीय जनता पार्टी ने विपक्ष में रहते हुए कई अधिकारियों और कई पुलिस अधिकारियों को भी कांग्रेस सरकार के एजेंट के रूप में काम करने के आरोपी लगाए. ऐसे में इस वक्त की सबसे बड़ी चुनौती कानून व्यवस्था को साधना ही होगा. किसी जमाने में उत्तर प्रदेश और बिहार में जो गेंगवार चलती थी कमोबेश वही गंगवार का सिलसिला राजस्थान में कुछ सालों में शुरू हुआ था. 

वहीं दूसरी तरफ राजस्थान में वित्तीय को कुप्रबंधन जैसे आरोप बीजेपी कांग्रेस सरकार पर लगाती रही है. और बीजेपी ने लगातार 5 साल कांग्रेस पर वित्तीय कुप्रबंधन पर तर्कों के साथ आरोप लगाए. भाजपा का कहना है कि बिना बजटीय प्रावधान के कई योजनाएं कांग्रेस लेकर आ गई. राजस्थान पर भारी कर्ज है. राजस्थान की सरकार ने जीएसटीपी का 42% से ज्यादा का कर्ज ले रखा है और अधिक कर्ज मिल नहीं सकता है. टोटल सरकार के टैक्स रिवेन्यू से 118 परसेंट ज्यादा सैलरी और पेंशन में जा रहा है. आर्थिक आपातकाल की ओर राजस्थान बढ़ चुका है नई सरकार आएगी . राठौड की राज्य जर्जर से मांग होगी कि राजस्थान की आर्थिक स्थिति पर श्वेत पत्र जारी किया जाए.  राठौड़ का कहना है कि मेरी मांग राज्य सरकार से होगी राजस्थान की आवाम को बताया जाएगा कि किस प्रकार से जर्जर अर्थव्यवस्था में राजस्थान को कांग्रेस की सरकार ने धकेल दिया है.

बहरहाल देखना ये होगा कि राज्य सरकार एक तरफ क्राइम को कैसे कंट्रोल करेगी तो दूसरी तरफ वित्तीय स्थिति को कंट्रोल कैसे किया जाएगा.