Rajasthan News: प्रदेश के मरीजों के लिए राहत की खबर, लंबे समय से जारी रेजिडेंट्स की हड़ताल समाप्त

जयपुर: चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह की समझाइश के बाद एक सप्ताह से चल रही रेजीडेंट चिकित्सकों की हड़ताल रविवार शाम समाप्त हो गई. सिंह ने व्यापक जनहित एवं निलंबित रेजीडेंट चिकित्सकों के भविष्य को दृष्टिगत रखते हुए सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं जयपुर एसोसिएशन ऑफ रेजीडेंट डॉक्टर्स तथा अन्य चिकित्सक संघों के प्रतिनिधियों के साथ समझाइश की. इसके बाद रेजीडेंट चिकित्सक हड़ताल वापस लेने पर सहमत हो गए. हालांकि हड़ताल जारी रहने की संभावना को देखते हुए राज्य सरकार ने पूर्ण वैकल्पिक व्यवस्था कर ली थी. 

उल्लेखनीय है कि कांवटिया अस्पताल परिसर में एक महिला का प्रसव होने के मामले में एसएमएस मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने तीन रेजीडेंट एवं एक सीनियर रेजीडेंट चिकित्सक को निलंबित कर दिया था. इससे पहले एसएमएस अस्पताल में मरीज को गलत गु्रप का ब्लड चढ़ाने के मामले में भी दो रेजीडेंट को निलंबित किया था. इसके विरोध में करीब एक सप्ताह पहले रोजीडेंट डॉक्टर्स हड़ताल पर चले गए थे. रेजीडेंट चिकित्सकों के हड़ताल पर चले जाने से मरीजों को असुविधा हो रही थी. 

चिकित्सा शिक्षा विभाग ने आमजन के हित एवं रेजीडेंट डॉक्टर्स के भविष्य को ध्यान में रखते हुए रविवार को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन एवं रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ चिकित्सा शिक्षा निदेशालय में वार्ता की. वार्ता के दौरान अतिरिक्त मुख्य सचिव ने जार्ड एवं अन्य चिकित्सक संघों के प्रतिनिधियों के साथ समझाइश करते हुए कहा कि हड़ताल के कारण अस्पतालों में मरीजों को तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है. 

चिकित्सा एक नोबल प्रोफेशन है और चिकित्सक का प्रथम दायित्व नागरिकों की जीवन रक्षा है. ऐसे में उन्हें तत्काल प्रभाव से काम पर वापस लौटना चाहिए. सिंह ने कहा कि आमजन बड़ी उम्मीद और आशा के साथ अस्पताल आते हैं. वे चिकित्सक में ईश्वर का रूप देखते हैं. ऐसे में चिकित्सक का भी दायित्व बनता है कि वह बिना किसी लापरवाही के पूरी निष्ठा के साथ रोगी को बेहतर से बेहतर उपचार दे. विगत दिनों जिस तरह की लापरवाही सामने आई, चिकित्सा के प्रोफेशन में ऐसी लापरवाही स्वीकार्य नहीं है. 

उन्होंने कहा कि जीवन रक्षा को सर्वोच्च ध्येय मानते हुए भविष्य में ऐसी पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने चिकित्सक संघों के प्रतिनिधियों द्वारा रेजीडेंट चिकित्सकों के भविष्य को ध्यान में रखने की मांग पर चिकित्सा शिक्षा विभाग एवं सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज प्रशासन को नियमानुसार कार्रवाई जारी रखते हुए रेजीडेंट डॉक्टर्स का निलंबन वापस लेने तथा कारण बताओ नोटिस जारी करने की कार्यवाही करने के निर्देश दिए. साथ ही, हड़ताल अवधि को डे ऑफ/राजकीय अवकाशों में समायोजित करने के भी निर्देश दिए. उन्होंने आश्वस्त किया कि रेजीडेंट चिकित्सकों के भविष्य को देखते हुए उनकी वाजिब मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार किया जाएगा.