VIDEO: अब लगेगी साइबर क्राइम पर लगाम, 17-18 जनवरी को साइबर हैकाथॉन का आयोजन, देखिए ये खास रिपोर्ट

जयपुर: साइबर सुरक्षा क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक ले जाने और युवा और प्रतिभाशाली साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों को एक मंच उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 17 औऱ 18 जनवरी को राजस्थान पुलिस की ओर से साइबर हैकाथॉन 1.0 आयोजित किया जा रहा है.

राजस्थान पुलिस समेत देशभर की पुलिस के लिए साइबर क्राइम मौजूदा समय में सबसे बड़ी चुनौती है भजनलाल शर्मा सरकार की भी प्राथमिकता है कि साइबर क्राइम के मामलों में कमी लाई जा सके इसी दिशा में बड़ी पहल करते हुए राजस्थान पुलिस की ओर से 17 और 18 जनवरी को साइबर  हैकाथॉन  का आयोजित किया जा रहा है, इससे पहले मंगलवार की शाम राजस्थान पुलिस अकादमी में आकर्षक ड्रोन शो का आयोजन किया गया है,, प्रदेश में पहली बार इस तरह का ड्रोन शो आयोजित किया जा रहा है जिसे लेकर लोगों में भी काफी उत्साह देखा जा रहा है, डीजी साइबर क्राइम, एससीआरबी एवं तकनीकी सेवाएं डॉ रवि प्रकाश मेहरडा ने बताया कि आधारभूत सूचनाओं के डाटा को साइबर खतरों से बचाने के लिए एवं साइबर हमले में हुए जोखिम का मूल्यांकन, साइबर सुरक्षा स्थिति में सुधार, नीतियां, तकनीकी नवाचार और निरंतर सुधार आदि अति आवश्यक हैं, मेहरडा ने बताया कि हैकाथॉन से पहले 16 जनवरी को शाम 5 बजे से शहर में पहली बार राजस्थान पुलिस अकादमी परिसर में ड्रोन प्रदर्शन किया जाएगा,मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित इस प्रदर्शन के दौरान विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न तकनीकों से युक्त ड्रोन का परिचय कराकर अपने तकनीकी कौशल का परिचय दिया जाएगा, डॉ मेहरड़ा ने बताया कि RIC में 17 और 18 जनवरी को आयोजित साइबर हैकाथॉन में विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों, उद्योगों, रिसर्च लैबों और स्टार्टअप्स के 1665 प्रतिभागियों द्वारा पंजीयन करवाया गया है. इनमें लगभग 300 टीमें भाग लेगी. यह टीमें 12 साइबर सुरक्षा से संबंधित समस्याओं का समाधान निकालने के लिए 36 घंटे तक निरंतर काम करेंगी.

साइबर हैकाथॉन के दौरान साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों द्वारा भविष्य की 12 चुनौतियों पर मंथन कर हल निकालने का प्रयास किया जाएगा. इन चुनौतियों में पुलिस का फीडबैक सिस्टम विकसित करना, उन्हें एआई/एआर का प्रशिक्षण, कैमरे में एआई का उपयोग कर स्वयं निर्णय लेने में सक्षम बनाना, एफआईआर का एआई व मशीन प्रोग्रामिंग से एकदम सही अधिनियम एवं धाराएं लगाना, फर्जी वेबसाइटस, आने वाले ऐड एवं कस्टमर केयर के नंबरों की पहचान करना, निजी स्वामित्व वाले कैमरों की जियो टैगिंग करने की प्रणाली विकसित करना, फाइनेनसियल फ्रॉड के डाटा का विश्लेषण करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाना, डीप फेक तकनीक का सहारा लेकर अपराध करने वालों को ढूंढना, 1930 हेल्पलाइन को और अधिक विकसित करना, एंटी ड्रोन सिस्टम विकसित करना, डार्क वेब पर डाटा की मोनिटरिंग एवं क्रिप्टाकरेंसी के पैसे का अनुसंधान करना रखा गया है. इस हैकाथॉन के अंतिम चरण में तीन सर्वश्रेष्ठ टीम को समाधान प्रस्तुत करने का मौका दिया जाएगा. हर एक टीम को इवेंट के अनुसार इनाम दिया जाएगा. इन टीमों के समाधानों का मूल्यांकन विशेषज्ञ समिति द्वारा किया जाएगा. हैकाथॉन के विजेताओं को विभिन्न श्रेणियां में कुल 20 लाख रु के नगद पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए जाएंगे. साथ ही सभी टीमों को राजस्थान पुलिस के साथ इंटर्नशिप प्रोग्राम में भी शामिल किया जाएगा.

डीजी डॉ मेहरड़ा ने बताया कि भविष्य की साइबर सुरक्षा के परिदृश्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एक प्रमुख चुनौती के रूप में उभरा है. इसका दुरुपयोग कर ऑटोमेटेड साइबर हमला, डीप फेक तकनीक के माध्यम से साइबर वर्ल्ड में व्यक्तिगत गरिमा पर हमला एवं उपकरणों को विभिन्न टूल्स की मदद से नियंत्रण में लेना आदि कार्य साइबर अपराधियों द्वारा किये जा रहे हैं. इन चुनोतियों का सामना करने के लिए साइबर जागरूकता व नवीनतम तकनीक के उपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.