एक बार फिर गांधी परिवार का ''जादूगर" पर भरोसा, अशोक गहलोत को दी अमेठी सीट की जिम्मेदारी

जयपुर: कांग्रेस ने मिशन अमेठी और रायबरेली के लिए अपने दिग्गज नेताओं को चुनावी मैनेजमेंट की जिम्मेदारी दी है. पार्टी ने  अशोक गहलोत और भूपेश बघेल को सीनियर पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी है. वहीं गांधी परिवार ने एक बार फिर गहलोत पर अपना भरोसा जताया है. गहलोत को पार्टी ने अमेठी जैसी अहम सीट की जिम्मेदारी दी है. गहलोत को दी गई इस जिम्मेदारी के कईं सियासी मायने भी है.

गांधी परिवार ने अपनी परंपरागत सीट अमेठी और रायबरेली के गढ़ को फतह करने के लिए दिग्गज और अनुभवी नेताओं को कमान दे दी है. पार्टी ने अपने दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को इन सीटों पर वरिष्ठ पर्यवेक्षक की जिम्मेदारी दी है. राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पार्टी ने अमेठी की सीट पर जीत दर्ज करने का स्पेशल टास्क दिया है. गहलोत को मिली इस जिम्मेदारी के यकीनन कईं सियासी मायने है. यह जिम्मेदारी बताती है गहलोत की आज भी गांधी परिवार के करीबी और भरोसेमंद नेताओं में गिनती होती है. 25 सितम्बर की सियासी घटना के बाद हर कोई यही चर्चा कर रहा था कि गहलोत का रुतबा अब गांधी फैमिली में पहले जैसा नहीं रहा है. लेकिन आज अमेठी का टास्क मिलते ही तमाम चर्चाओं और अटकलों पर कह सकते है कि अब ब्रेक लग सकते हैं.

पिछले दिनों गांधी परिवार और गहलोत की नजदीकियां तब देखने को मिली थी जब गहलोत पहले से तय सारे प्रोग्राम निरस्त करके अमेठी पहुंचे थे अमेठी एयरपोर्ट पर गहलोत ने तीनों गांधी परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की फिर सोनिया गांधी गहलोत को अपनी कार में बैठाकर भी साथ ले गई थी औऱ गहलोत को बर्थडे भी विश किया था. तभी से यह अंदाजा लगाया जा रहा था कि गांधी परिवार जल्द गहलोत को कोई बड़ी जिम्मेदारी दे सकती है.

गहलोत जल्द अब अमेठी जाएंगे औऱ वहां कैंप करते हुए रणनीति बनाने की अपनी जिम्मेदारी को संभालेंगे. गहलोत की यूपी और अमेठी की सियासत पर अच्छी पकड़ भी है, क्योंकि वो उत्तरप्रदेश के कांग्रेस प्रभारी भी रह चुके हैं. लेकिन अब गांधी परिवार ने अमेठी जैसी सीट की जिम्मेदारी गहलोत को देकर यह मैसेज दे दिया है कि यह सियासी क्षत्रप अभी भी उनके लिए कितने खास और जरुरी है.

...फर्स्ट इंडिया के लिए दिनेश डांगी की खास रिपोर्ट