आज से शुरू हुआ हिंदू नववर्ष का आखिरी मास फाल्गुन, जगह-जगह मंदिरों में मनेगा फागोत्सव , जानिए कब आएंगे व्रत और त्योहार

जयपुर: हिंदू कैलेंडर के अनुसार हिंदू नववर्ष का आखिरी महीना यानी 12वां माह फाल्गुन मास होता है. फागुन मास 25 फरवरी से आरंभ होकर 25 मार्च तक चलेगा. फाल्गुन माह का प्राकृतिक, वैज्ञानिक और धार्मिक रूप से विशेष महत्व है. इस माह में आने वाले त्योहार होली, महाशिवरात्रि बहुत खास माने गए हैं. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि फाल्गुन महीने का आरंभ 25 फरवरी से शुरू हो रहा है और 25 मार्च को होली के साथ इसका समापन होगा. फाल्गुन माह के त्योहार और व्रत सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर होते हैं. इस महीने होली का त्योहार मनाया जाता है. सभी इस त्योहार के लिए काफी उत्साहित रहते हैं. इसके साथ ही महाशिवरात्रि भी इस महीने मनाई जाती है. इस खास मौके पर भगवान शिव की पूजा की जाती है. पूरे देश में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ शिवरात्रि पर्व मनाया जाता है. मान्यता है कि चंद्रमा का जन्म भी इसी माह में हुआ था. फाल्गुन में चंद्र देव की भी विशेष पूजा की जाती है. ऐसा करने से मानसिक तनाव दूर होता है. अगर आपकी कुंडली में चंद्र दोष है, तो इस महीने में चंद्रमा की पूजा करने से यह दूर हो सकता है.

ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि फाल्गुन लगने के साथ ही शहर में जगह-जगह मंदिरों में भगवान के सामने फागोत्सव खेला जाएगा. इस पूरे माह चंग व ढप के साथ पारंपरिक होली के गीत गाए जाएंगे. वहीं इस माह शादी के लिए 6 सावे हैं, जिनमें से 12 मार्च फुलेरा दोज का अबूझ सावा भी रहेगा. फाल्गुन माह का प्राकृतिक, वैज्ञानिक और धार्मिक रूप से भी विशेष महत्व है. होली से पहले महाशिवरात्रि पर्व भी मनाया जाएगा. होली के दूसरे दिन से हिंदू नववर्ष चैत्रमास का भी शुभारंभ हो जाएगा. होलिका दहन 24 मार्च को होगा. इससे 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाता है, इस वजह से इस दौरान शुभ मंगल कार्य वर्जित रहेंगे.

फाल्गुन महीना 
ज्योतिषाचार्य डॉ अनीष व्यास ने बताया कि फाल्गुन महीना 25 फरवरी से शुरू हो रहा है, जिसका समापन 25 मार्च 2024 को होगा. इस महीने की पूर्णिमा पर चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में होते हैं. जिस कारण इस महीने का नाम फाल्गुन कहा जाता है. मान्यता है कि इस महीने में दान करने से अक्षय पुण्य फलों की प्राप्ति होती है.

क्यों पड़ा फाल्गुन का नाम 
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार, हिंदू कैलेंडर के सभी नामों का नाम नक्षत्रों के नाम पर रखे गए हैं. किसी भी महीने की पूर्णिमा तिथि के बाद चंद्रमा जिस नक्षत्र में जाता है, तो उस महीने का नाम उसी आधार पर रखा जाता है. ऐसे ही जब चंद्रमा फाल्गुनी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो फाल्गुन माह शुरू हो जाता है.

फाल्गुन में 6 सावे  
भविष्यवक्ता डा. अनीष व्यास ने बताया कि फाल्गुन माह में शादी के लिए 6 सावे हैं. 2 व 3 मार्च को आठ रेखीय, 4 व 5 मार्च को सात रेखीय, 6 मार्च को भी आठ रेखीय और 12 मार्च को फुलेरा दोज पर अबूझ सावा रहेगा. फुलेरा दोज के दिन सामूहिक विवाह सम्मेलनों की धूम रहेगी.

14 मार्च से मलमास 
कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि वहीं 14 मार्च से मलमास लग जाएंगे, जो 13 अप्रैल तक रहेंगे. 14 मार्च को सूर्य मीन राशि में आ जाएगा. इस कारण खर मास शुरू होगा जो 15 अप्रैल तक रहेगा. ज्योतिष के मुताबिक इस एक महीने में शुभ काम की मनाही होती है, इसलिए इन दिनों मुहूर्त नहीं होते हैं. इसके बाद अगला मुहूर्त 18 अप्रैल को रहेगा. वहीं शुभ कार्य 14 अप्रैल से 26 के बीच संपन्न होंगे. इसके बाद शुक्र तारा अस्त हो जाएगा. ऐसे में 27 अप्रैल से 10 जुलाई तक शुभ कार्य बंद रहेंगे.

होलाष्टक 
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि होलाष्टक का आरंभ 17 मार्च से हो जाएगा. इस दौरान किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं और न ही कोई नई वस्तमु खरीदी जाती है. होली से 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं. यानी कि होलाष्टक 17 मार्च से लग जाएंगे. होलाष्टक में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है. होली से 8 दिन पहले फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक लग जाते हैं और इन 8 दिनों के लिए कोई भी शुभ कार्य शादी, विवाह मुंडन आदि पर रोक लग जाती है. फाल्गुन पूर्णिमा के दिन होली जलाई जाती है और उसके अगले दिन फाल्गुन कृष्ण पक्ष की पहली तिथि को रंगों की होली खेली जाती है. होली इस साल 24 मार्च की रात को जलाई जाएगा और 25 मार्च की सुबह रंग खेले जाएंगे. होलाष्टक को लेकर ऐसी मान्यता है कि इस दौरान सभी ग्रह उग्र स्वभाव में होते हैं, इसलिए इस वक्त कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए. उसमें बाधा आने की आशंका होती है.

फाल्गुन के व्रत और त्योहार 
25 फरवरी (रविवार) – फाल्गुन माह शुरू
28 फरवरी (बुधवार) – द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
1 मार्च (शुक्रवार) – यशोदा जयंती
3 मार्च (रविवार)- शबरी जयंती, भानु सप्तमी
4 मार्च (सोमवार) – जानकी जयंती
6 मार्च (बुधवार) – विजया एकादशी
8 मार्च (शुक्रवार) – महाशिवरात्रि, प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि, पंचक शुरू
10 मार्च (रविवार) – फाल्गुन अमावस्या
12 मार्च (मंगलवार) -फुलेरा दूज, रामकृष्ण जयंती
13 मार्च (बुधवार) – विनायक चतुर्थी
14 मार्च (गुरुवार) – मीन संक्रांति
20 मार्च (बुधवार) – आमलकी एकादशी
22 मार्च (शुक्रवार) – प्रदोष व्रत
24 मार्च (रविवार) – होलिका दहन, फाल्गुन पूर्णिमा व्रत
25 मार्च (सोमवार)- होली, चैतन्य महाप्रभू जयंती, चंद्र ग्रहण