राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही शुरू, शहीद दिवस पर विधानसभा में रखा गया 2 मिनट का मौन

जयपुरः राजस्थान विधानसभा की कार्यवाही शुरू हो गई. प्रश्नकाल के साथ विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई. शहीद दिवस पर विधानसभा में 2 मिनट का मौन रखा गया. इससे पहले सोमवार को  राजस्थान विधानसभा में आज हिजाब के मुद्दे को लेकर जमकर हंगामा हुआ. बीजेपी विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि स्कूल में दो तरह की ड्रेस चल रही है. बहुसंख्यक समाज की बच्चियां स्कूल ड्रेस में आ रही हैं. दूसरे समाज की बच्चियां बुर्के और हिजाब में आ रही है. ऐसे में एक स्कूल में दो ड्रेस कैसे हो सकती है. कई स्कूलों में सरस्वती माता की मूर्ति ही हटा दी गई है. अजान के समय पढ़ाई बाधित रहती है.

अगर स्कूल में इस तरह दो ड्रेस होगी. तो फिर स्कूल ड्रेस का मतलब ही क्या रहेगा'? अगर बचपन से ऐसा ही माहौल डाल देंगे तो बच्चे आपस में कैसे जुड़ेंगे'? विद्यालय में जो नियम कायदे हैं उनका पालन नहीं करेंगे तो कैसे काम होगा. सरकारी विद्यालय में जो नियम कायदा बना है उसके अनुसार ही छात्र-छात्राएं पढ़ाई करें. ऐसे तो क्या हम हमारी बच्चियों को क्या दूसरी ड्रेस में भेजे. अगर किसी को बुर्का या हिजाब ही पहनना है तो वह मदरसे में पहने. या उनके लिए यथा स्थान पर पहने कोई आपत्ति नहीं है. वैसे भी इस मामले को केवल कुछ लोग राजनीति के चलते उठा रहे हैं. पता नहीं आज प्रदर्शन करने वाली बच्चियां उस स्कूल की भी थी या नहीं. 

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है, कि जिन्ना का भूत अभी आजाद भारत से दफा नहीं हुआ है. कहीं ना कहीं जिन्ना अभी भी मौजूद है. और लोगों को राम से दूर रखता है. कई लोग ऐसे आयोजन में राजनीति करते हैं. उन्हें करते रहना चाहिए. लेकिन जनता को चिन्हित करके ऐसे लोगों से दूरी बनानी चाहिए. ऐसे लोग दूषित मानसिकता के रोगी है. राम मंदिर का निर्माण निर्विघ्न संपन्न हो गया. इसके निर्माण के समय से विरोधियों का विरोध था. लेकिन फिर भी शासन के कठोर बंदोबस्त के कारण समय पर काम हुआ. कई लोग आमंत्रण पर भी अपने रचित कारण से इसमें नहीं आए. राम की इच्छा नहीं होगी ये भी हो सकता है. 

हमारे बच्चे भी लहंगा-चुन्नी पहनकर आएंगे. स्कूल में तय ड्रेस कोड में ही आना चाहिए. इस पर कुछ लोग बिना वज़ह राजनीति कर रहे हैं. हिज़ाब को लेकर विधायक बालमुकुंदाचार्य के बयान पर आज सदन के अंदर और बाहर जोरदार हंगामा हुआ. हंगामे के बाद विधायक बालमुकुंदाचार्य ने कहा कि स्कूलों का एक ड्रेस कोड होता है. मेरे भाषण को देखा जा सकता है. मैंने स्कूल में बच्चियों को कुछ नहीं कहा कि मैंने केवल स्कूल प्रिंसिपल से पूछा था कि क्या स्कूल में दो तरह का ड्रेस कोड है. जब गणतंत्र दिवस का कार्यक्रम हो, वार्षिकोत्सव हो. तो क्या दो तरह की ड्रेस का प्रावधान है क्या'? मुझे स्कूल में दो तरह का माहौल नज़र आया. एक हिज़ाब के साथ दूसरा बिना हिज़ाब के. इसको लेकर मैंने ये कहा है. 

विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर वाद विवाद पर महंत बाबा बालक नाथ ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने जिस प्रकार से पूरे प्रदेश में भ्रष्टाचार किया. राजस्थान के अंदर जिस प्रकार से गुंडागर्दी बढ़ी है. सरेआम दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ी. राजस्थान में अशांति का माहौल था. उसी से त्रस्त होकर राजस्थान की जनता ने उस सरकार को मुक्ति का रास्ता दिखाया है.

भारतीय जनता पार्टी की सरकार यहां पर बनी है. और यह भारतीय जनता पार्टी की सरकार वचनबद्ध है. राजस्थान की जनता के प्रति और निश्चित रूप से जो संकल्प पत्र में एक-एक बात जो कही गई है. आने वाले 5 वर्षों में नहीं अभी तो आने वाले इस पहले वर्ष में ही वह सभी बातें पूरी होगी. और राजस्थान की जनता को न्याय देते हुए विकास के पद पर राजस्थान को आगे बढ़ाएंगे. हमने चुनाव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा. हम आपको बताना चाहते हैं कि मोदी दुनिया के एकमात्र ऐसे नेता हैं. जिनके नाम से केवल विधानसभा-लोकसभा ही नहीं बल्कि अभी तो वार्ड पंच का चुनाव भी उनके नाम से लड़ा जाता है.

जिसका परिणाम यह है कि जीत जाता है. आज हमें हमारे प्रधानमंत्री पर, हमारी पार्टी पर, हमारी विचारधारा पर गर्व है. राजस्थान की जनता ने पिछले 5 साल भ्रष्टाचार-गुंडाराज महिलाओं के साथ अपराध और शोषण में बढ़ोतरी देखी है. दुष्कर्म के मामले भी अत्यधिक रहे. पिछले 5 साल जो सरकार थी वह कोई जनता के मैंडेट की सरकार नहीं थी. वह पूर्ण रूप से बहुमत प्राप्त सरकार नहीं थी. वह जोड़-तोड़ की सरकार थी. रिश्वत पर चलने वाली सरकार थी. क्योंकि उसने विधायकों को खरीद कर सरकार चलाई थी. जो खुद खरीद कर चलती हो वह सरकार प्रदेश को कैसे चला सकती है. 

इससे पहले बेनीवाल ने कहा कि इसको लेकर ACB को मामला दिया जाना चाहिए. ताकि इसकी पूरी जांच हो सके. जिसपर चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने कहा कि कल ही समाचार पत्र में मैंने घोटाले को लेकर पढ़ा था. इसके बाद अधिकारियों की एक बैठक बुलाई गई. जिसमें फैसला लिया गया है कि हनुमान बेनीवाल ने जो मामला उठाया उसकी पूरी जांच कराई जाएगी.  वहीं पूर्ववर्ती सरकार में जो फाइल अप्रूव हुई उस पर मंत्री के हस्ताक्षर के मामले को लेकर भी सदन में जोरदार हंगामा हुआ. पक्ष विपक्ष में जमकर वार प्रतिवार का सिलसिला चला.