अपनी स्वराशि कुंभ में अस्त हुए शनि, जानिए 12 राशियों पर क्या पड़ेगा प्रभाव और क्या करें उपाय ?

जयपुर: शनि 11 फरवरी को कुंभ राशि में अस्त हो गए हैं. इसके बाद 18 मार्च को इसी राशि में वे अपनी सामान्य अवस्था में वापस आएंगे. ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह को न्याय और कर्मफल दाता माना जाता है. शनि ग्रह व्यक्ति को उसके द्वारा किए गए कर्मों के आधार पर शुभ-अशुभ फल प्रदान करते हैं. वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनि देव को माना गया है ऐसे में शनि का स्वयं की राशि में अस्त होना बहुत ही महत्वपूर्ण होगा. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि 11 फरवरी को कुंभ राशि में अस्त हो गए हैं. इसके बाद 18 मार्च को इसी राशि में वे अपनी सामान्य अवस्था में वापस आएंगे. शनि अभी कुंभ राशि में संचरण कर रहे हैं. शनिदेव ने कुंभ राशि में 17 जनवरी 2023 को प्रवेश किया था. इस समय शनि शतभिषा नक्षत्र में हैं. वैदिक ज्योतिष में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है. सभी नौ ग्रहों में शनिदेव की गति सबसे धीमी है. ज्योतिष के मुताबिक कुंडली में शनि की मजबूत स्थिति होने पर जातकों को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनिदेव के अस्त होने से सरकार का प्रशासनिक ढांचा कमजोर पड़ जाता है और अराजकता बढ़ने की संभावना अधिक हो जाती है. मकर और कुंभ राशि के स्वामी शनि तुला राशि में उच्चराशि तथा मेष राशि में नीच राशिगत संज्ञक माने गए हैं. शनि की साढ़ेसाती धनु राशि में समाप्त होने वाली है और मकर राशि के जातकों के लिए साढ़ेसाती का दूसरा चरण समाप्त हो जाएगा. शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण कुंभ राशि में जारी है और जल्द ही दूसरा चरण शुरू होगा. वहीं मीन राशि के जातकों के ऊपर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण शुरू हो जाएगा. वहीं दूसरी तरफ तुला और वृश्चिक राशि के जातक शनि की ढैय्या से मुक्ति हो जाएंगे.

कुंभ राशि में शनि-सूर्य की युति
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 13 फरवरी से सूर्य देव कुंभ राशि में गोचर कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर शनि देव कुंभ राशि में में अस्त हो गए हैं. 13 फरवरी से सूर्य-शनि एक साथ कुंभ राशि में हैं. इसके बाद 15 मार्च को सूर्य मीन राशि में चला जाएगा, जिससे 14 अप्रैल तक फिर से सूर्य-शनि का अशुभ द्विर्द्वादश योग रहेगा. यानी 14 अप्रैल तक लगातार सूर्य-शनि के संयोग से प्राकृतिक आपदाएं आने का खतरा बना रहेगा.  ज्योतिष में सूर्य और शनि को एक-दूसरे का शत्रु माना जाता है. जब भी ऐसे योग बनते हैं तब देश-दुनिया में अनचाहे बदलाव और दुर्घटनाएं होती हैं. तनाव, अशांति और डर का माहौल भी बनता है. जिससे ज्यादातर लोगों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. कई लोग मानसिक और शारीरिक तौर से तो परेशान रहेंगे ही साथ ही सेहत संबंधी दिक्कतों का भी सामना करना पड़ सकता है. शनि-सूर्य का अशुभ योग बनने से राजनीतिक नजरिये से समय अनुकूल नहीं रहेगा. बड़े बदलाव और विवाद होने की आशंका है. 

असर
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि अचानक मौसम परिवर्तन होने के योग बनेंगे. देश में कई जगहों पर अचानक ठंड बढ़ सकती है. शेयर मार्केट में बड़ी उथल-पुथल होने के योग बनेंगे. प्रशासनिक फैसलों से देश में विवाद बढ़ाने की आशंका रहेगा. लोगों में मतभेद बढ़ सकते हैं. भ्रष्टाचार उजागर हो सकते हैं. नौकरीपेशा लोगों के कामकाज में रुकावटें आ सकती हैं. लोगों के दिल-दिमाग में अनिश्चितता रहेगी. कृषि क्षेत्र यानी फसलों का उत्पादन बढ़ेगा. बड़े निवेश और लेन-देन होंगे. मीडिया और वकालात से जुड़े लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा. स्टूडेंट्स को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के नए मौके मिलेंगे. साथ ही व्यापारिक क्षेत्रों में फायदा होने के भी योग बन रहे हैं. बड़े बदलाव और विवाद होने की आशंका है. राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी. धरना जुलूस प्रदर्शन आंदोलन गिरफ्तारियां होगी. रेल दुर्घटना होने की संभावना. बड़े नेताओं का दुखद समाचार मिलने की संभावना.राजनीतिक उथल-पुथल एवं प्राकृतिक आपदाओं की आशंका बढ़ेगी. दुर्घटना होने की संभावना. देश और दुनिया में राजनीतिक बदलाव होंगे. सत्ता संगठन में परिवर्तन होगा. आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलेगा. मनोरंजन फिल्म खेलकूद एवं गायन क्षेत्र से बुरी खबर मिलेगी. 

क्या करें उपाय 
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास ने बताया कि शनि महाराज को प्रसन्न करने के लिए सबसे अच्छा अवसर शनिवार, शनि प्रदोष, शनि अमावस्या, शनि जयंती और भगवान हनुमान की उपासना को माना गया है. शनिवार के दिन काले श्वान को तेल लगाकर रोटी खिलाना चाहिए. अगर आपके ऊपर शनि की महादशा चल रही तो उस समय मांस-मदिरा का त्याग करना चाहिए. महामृत्युंजय मंत्र ॐ नमः शिवाय का जाप करें शनि के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन काली गाय की सेवा करें. हर शनिवार शनि मंदिर जाकर शनि महाराज को सरसों का तेल चढ़ाना चाहिए. पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीया जलने से शनि की कृपा मिलती है. हनुमान भैरव और शनि चालीसा का पाठ करने से शनि की कृपा मिलती है.

भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक डा. अनीष व्यास बता रहे है शनि अस्त का सभी राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा.

मेष राशि
सामाजिक संबंधों और आर्थिक स्थिति पर भी पड़ सकता है. किसी से कोई रुका हुआ पैसा लेना है तो हो सकता है कि वह मिलने में देरी हो जाए. शनि के अस्त होने से आपको बेहतर करियर में मौके न मिलें. 

वृषभ राशि
करियर की ग्रोथ में देरी हो सकती है. जो लोग सरकारी नौकरी में हैं, उन्हें इस दौरान ज्यादा सावधान रहने की आवश्यकता होगी, क्योंकि बॉस या उच्चाधिकारियों के साथ अनबन होने की आशंका है. यात्रा के दौरान भी सावधानी बरतें.

मिथुन राशि
शनि देव की अस्त अवस्था के दौरान यात्रा में सावधानी बरतें. पिता के स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें. उच्च शिक्षा की पढ़ाई के लिए आगे की योजना बना रहे हैं, उसमें थोड़ी देरी हो सकती है. 

कर्क राशि
कर्क राशि के जातकों को आठवें भाव से संबंधित परिणाम प्राप्त होंगे, जो काफी प्रतिकूल हो सकते हैं. ससुराल पक्ष के लोगों के साथ संबंधों में तनाव आ सकता है. अचानक से लाभ या हानि होने के भी योग बन रहे हैं. खर्चों को नियंत्रित करें.

सिंह राशि
प्रेम संबंध में या बिजनेस पार्टनर के साथ विवाद हो सकता है. प्राइवेट सेक्टर में नौकरी करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. कोई भी नया फैसला सोच विचार कर लें.

कन्या राशि
स्वास्थ्य पर असर डालेगा. कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ेगा. कोर्ट केस या कानूनी कार्यवाही में फंसे हुए हैं तो सावधान रहें. नौकरीपेशा जातक पदोन्नति की उम्मीद लगाकर रखेंगे, लेकिन सफलता की संभावना कम रहेगी.

तुला राशि
बच्चों के साथ भी संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं. दोस्ती और सामाजिक संबंधों में भी परेशानियां आ सकती हैं. लोन चल रहा है तो किस्त समय पर जमा करें और किसी से पैसे उधार न लें.

वृश्चिक राशि
शनि देव चौथे भाव में अस्त होकर ढैय्या के माध्यम से मां के संबंध में उतार-चढ़ाव का कारण बन सकते हैं. स्वास्थ्य में भी गिरावट आ सकती है. कोई प्रॉपर्टी खरीदने की योजना बनाएं तो सतर्क रहें. ठगी के शिकार हो सकते हैं.

धनु राशि
यात्राओं करने के दौरान परेशानी हो सकती है. जिस उद्देश्य से यात्रा पर जाएं, वह सफल न हो. मानसिक शांति के लिए कोई आध्यात्मिक यात्रा कर सकते हैं. भाई-बहनों के साथ संबंधों में उतार-चढ़ाव आ सकते हैं.

मकर राशि
फैमिली बिजनेस में घाटा हो सकता है. पारिवारिक विवाद बढ़ सकता है. आर्थिक क्षति भी हो सकती है. सट्टा बाजार शेयर मार्केट में निवेश करने बचें, क्योंकि शनि देव की दृष्टि आठवें भाव पर पड़ रही है.

कुंभ राशि
ऐसे में भाई-बहनों के साथ संबंध प्रभावित होंगे. विवाह में परेशानी हो सकती है. पेशेवर रूप से देखा जाए तो कार्यस्थल पर नौकरीपेशा जातकों को काम का अधिक दबाव महसूस हो सकता है. स्वास्थ्य में गिरावट भी आ सकती है.

मीन राशि
ऐसे में आर्थिक नुकसान हो सकता है. कर्ज में बढ़ोतरी हो सकती है. वेतन वृद्धि न होने से मन दुखी रहेगा. कई कठिनाइयों से गुजरेंगे और आपका भरोसा अध्यात्म के प्रति बढ़ता जाएगा.