सामाजिक-आर्थिक विषमताएं खत्म नहीं हुईं तो आत्मनिर्भर भारत संभव नहीं- गडकरी

मुंबई: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि देश में सामाजिक-आर्थिक विषमताओं को खत्म किए बिना 'आत्मनिर्भर भारत' का लक्ष्य संभव नहीं है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने कहा कि कृषि, ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है. 

उन्होंने बताया कि प्रत्येक सरकारी नीति का मकसद इन क्षेत्रों के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में योगदान को बढ़ाकर 25 प्रतिशत करना होना चाहिए, जो इस समय 12 प्रतिशत है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने कोविड-19 महामारी के बीच आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को अपनाया था. 

गडकरी ने आरबीआई गवर्नरों पर आधारित एक पुस्तक के विमोचन के अवसर पर कहा, 'यदि सामाजिक-आर्थिक विषमता खत्म नहीं होती है, तो आत्मनिर्भर भारत संभव नहीं है. गडकरी ने कहा कि समय के साथ समाजवादी और कम्युनिस्ट विचारधारा को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है और संसद में माकपा और भाकपा के सदस्यों की संख्या भी घट गई है. 

उन्होंने कहा कि चीन में भी केवल लाल झंडे ही बचे हैं, जबकि उसने वृद्धि के लिए बाजार-केंद्रित नजरिया अपना लिया है. वित्तीय ऑडिट से आगे बढ़कर परिणामों का मूल्यांकन करने के लिए प्रदर्शन ऑडिट भी जरूरी है. उन्होंने सार्वजनिक-निजी भागीदारी की वकालत करते हुए कहा कि वृद्धि के लिए पूंजी और निवेश जरूरी हैं. सोर्स भाषा