कृषि विश्वविद्यालयों में जांच प्रयोगशालाएं बनाने की जरूरत- योगी आदित्यनाथ

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने सोमवार को अधिकारियों को निर्देश दिया कि मंडियों में किसानों की सुविधा और फसलों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं. उन्‍होंने कृषि विश्वविद्यालयों में जांच प्रयोगशालाएं बनाने पर जोर देते हुए कहा कि इनमें जैविक, प्राकृतिक उत्पादों का सत्यापन किया जाएगा. सोमवार को जारी एक सरकारी बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद के संचालक मंडल की 168 वीं बैठक संपन्न हुई, जिसमें मुख्यमंत्री द्वारा किसानों के हितों के संरक्षण के लिए कई दिशानिर्देश दिए गए.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे किसानों के जैविक, प्राकृतिक उत्पादों के सत्यापन, ब्रांडिंग के लिए लैब टेस्टिंग आवश्यक है.' उन्‍होंने कहा कि यद्यपि खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा लखनऊ, मेरठ, बनारस एवं झांसी में प्रयोगशालाएं संचालित हैं, लेकिन प्रदेश के कृषि विश्वविद्यालयों में ऐसी सुविधा नहीं है. ऐसे में मंडी परिषद द्वारा प्रदेश के सभी चार कृषि विश्वविद्यालयों में परीक्षण के लिए प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएं. उन्‍होंने कहा कि राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद द्वारा किसानों के हित का ध्यान रखते हुए किये जा रहे प्रयास सराहनीय हैं. मंडी शुल्क को न्यूनतम करने के बाद भी राजस्व संग्रह में मंडियों का अच्छा योगदान है. वित्त वर्ष 2021-22 में जहां 614 करोड़ रुपये की आय हुई, वहीं 2022-23 में 1,520.95 करोड़ रुपये की आय हुई थी. वहीं मौजूदा वित्त वर्ष के पहले दो माह में अबतक 251.61 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाया जा चुका है. मंडी शुल्क न्यूनतम होने के बाद भी मंडियों से राजस्व संग्रह में हुई बढ़ोतरी सराहनीय है.

मुख्यमंत्री ने बैठक में कहा कि फसलों को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए गुणवत्ता पूर्ण रोपण सामग्री, बागवानी फसलों के गुणवत्ता पूर्ण रोपण एवं रोग मुक्त बनाने के लिए आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज (अयोध्या) में टिशू कल्चर प्रयोगशाला की स्थापना की जाए. यह प्रयोगशाला कम से कम तीन हेक्टेयर के विशाल परिसर में स्थापित हो. इसके लिए धनराशि की व्यवस्था मंडी परिषद द्वारा की जाएगी. योगी ने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक छात्रवृत्ति योजना अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है. वर्तमान में पांच विश्वविद्यालयों एवं 23 महाविद्यालयों में कृषि एवं गृह विज्ञान के विद्यार्थियों को 3,000 रुपये मासिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है. उन्‍होंने कहा कि योजना का लाभ अधिकाधिक युवाओं को मिले, इसके लिए इसमें कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झांसी और बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी तथा 37 अन्य महाविद्यालयों को भी इसमें शामिल किया जाए.

उन्‍होंने कहा कि क्षेत्रीय जरूरतों के अनुसार नए हाट और किसान मंडियों का निर्माण कराया जाना चाहिए. पटरी व्यवसायियों को यहां समायोजित किया जाना चाहिए. मंडियों में प्रकाश की समुचित व्यवस्था पर जोर देते हुए योगी ने कहा कि इनमें जल भराव की स्थिति न हो. योगी ने कहा कि मंडी परिषद द्वारा नवी मुंबई में निर्यात प्रोत्साहन को वर्ष 2006 में स्थापित किये गये ऑफिस ब्लॉक को और उपयोगी बनाने के लिए इसे एमएसएमई विभाग से जोड़ा जाना चाहिए. सोर्स- भाषा