किसान नेता राजेश पायलट की जयंती आज, वायुसेना से इस्तीफा देकर साल 1980 में भरतपुर से लड़ा चुनाव, किसानों के बीच छोड़ी प्रभावी छाप

जयपुरः किसान नेता राजेश पायलट की आज जयंती है. किसानों के हितैषी के रूप में राजेश पायलट की पहचान रही है. किसानों की मांगों को प्रमुखता से रखकर उन्हें पूरा भी कराया. बता दें कि 10 फरवरी 1945 को राजेश पायलट का जन्म हुआ था. 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध में राजेश पायलट ने भी भाग लिया था. 

राजेश पायलट ने वायुसेना से इस्तीफा देकर साल 1980 में भरतपुर से चुनाव लड़ा और जीता. दौसा से भी कई बार सांसद रहे. साल 1991-96 तक अलग-अलग मंत्रालयों में केंद्रीय मंत्री भी रहे. राजनीति के 20 साल के करियर में कई योजनाओं से जनता को लाभान्वित किया. 

PCC महासचिव जसवंत गुर्जर ने भारत रत्न देने की मांग उठाते हुए कहा कि जब किसान नेताओं और उनके हक की बात करने वाले नेताओं को भारत रत्न से मरणोपरांत नवाज़ा जा रहा है तो किसान नेता स्व.राजेश पायलट जी की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मेरी केंद्र सरकार से मांग है कि किसान के हक उसके परिवार की बात उठाने में सबसे अग्रिणी रहे. एक दशक तक हमारे नेता स्व.पायलट साहब बेशक केंद्र में राज्य में मंत्री रहे. किंतु मुद्दों, सिद्धांतों के लिये प्रधानमंत्री से भी टकराने में नहीं झिझके. उनका कद देश में राष्ट्र के अतिलोकप्रिय जननेता का रहा है. पूर्व से पश्चिम उत्तर से दक्षिण तक उनसे राम राम लेने लाखों लोग जुटते थे. स्व.पायलट साहब ने सदैव कहा जब तक किसान-मज़दूर के बेटे हाकिम नहीं बनेंगे उनके हक के कानून नहीं बनेंगे.