केंद्र सरकार ने पिछले सप्ताह पेट्रोल-डीजल पर दो-दो रुपए एक्साइज ड्यूटी घटाई थी। इसके बाद वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सभी राज्यों को पत्र लिखकर पेट्रोल-डीजल से 5% तक वैट कम करने के लिए कहा था। कुछ राज्यों ने पहल भी की। गुजरात ने पेट्रोल-डीजल पर 4 प्रतिशत वैट कम किया। महाराष्ट्र ने पेट्रोल पर दो और डीजल पर एक रुपए दाम घटाया। हिमाचल ने एक फीसदी वैट कम किया लेकिन राजस्थान में पेट्रोल पर 30% और डीजल पर 22 प्रतिशत वैट लागू है।
इसके अलावा यहां पेट्रोल पर डेढ़ रुपए डीजल पर एक रुपए 75 पैसे रोड सेस भी लागू है। ऐसे में पेट्रोल पर कुल टैक्स 32.95% डीजल पर 25.75% होता है। यह 18 राज्यों से ज्यादा है। अगर राजस्थान सरकार पेट्रोल-डीजल पर वैट 5% भी कम करे तो कीमतों में 3 रुपए प्रति लीटर तक की कमी हो सकती है। जयपुर में पेट्रोल 70.98 रुपए डीजल 60.88 रुपए लीटर बिक रहा है। उधर, पड़ोसी राज्य हरियाणा गुजरात में राजस्थान के मुकाबले डीजल पर टैक्स कम है।
प्रदेश में मौजूदा समय में सालाना 500 करोड़ लीटर डीजल 60 करोड़ लीटर पेट्रोल की खपत हो रही है। पड़ोसीराज्यों में दाम कम होने से सिरोही उदयपुर के उद्योगपति गुजरात, अलवर भिवाड़ी का बड़ा भाग हरियाणा तथा श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ के लोग पंजाब से पेट्रोल-डीजल खरीदते हैं। पेट्रोलियम संगठनों का दावा है कि प्रदेश में वैट 4% घटे और सेस 1 रु. हो जाए तो डीजल की बिक्री 30% तक बढ़ेगी सरकार को 1600 करोड़ का अतिरिक्त राजस्व मिलेगा।