आखिर क्या है भारत में बाईं ओर गाड़ी चलाने के पीछे का कारण, किस परंपरा, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारकों से है प्रभावित ?

नई दिल्लीः वर्तमान समय में गाड़ी का शौक हर व्यक्ति को होता है. कुछ कदमों की दूरी से लेकर कोसों दूर तक का सफर हम गाड़ी के जरिए तय कर रहे है. लेकिन ऐसे में एक सवाल है जो अक्सर चालक के साथ आम लोगों के मन में उठता है और वो ये कि क्या आपने सोचा है कि गाड़ी को सड़क के बाईं ओर क्यों चलाया जाता है. जबकि कुछ देशों में इसका उल्टा है वहां दाहिने ओर गाड़ी को ड्राइव किया जाता है तो इसका सम्मिलित जवाब ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारकों का मिलाजुला रूप है. 

बीते जमाने में घोड़ों से खींची जाने वाली गाड़ियों के युग में, लोगों के लिए सड़क के बाईं ओर चलने की प्रथा थी. इसका सबसे बड़ा कारण ये माना जाता है कि व्यक्ति दाहिने ओर की तुलना में बाईं ओर खुद को आत्मरक्षा की अनुमति देता है यानि वो खुद को अधिक सुरक्षित और आरामदायक महसूस करता है. 

जबकि कई देश सड़क के दाहिनी ओर ड्राइविंग की ओर शिफ्ट होने लगे. यह बदलाव उन देशों में विशेष रूप से प्रमुख था. जो पहले ब्रिटिश शासन के अधीन थे. हालांकि अंग्रेजों ने खुद बाईं ओर गाड़ी चलाने की अपनी लंबे समय से चली आ रही परंपरा को बनाए रखा. जिसको आज भी कायम रखते है. इसके साथ ही भारत जैसे देश भी इस रेखा के अनुरूप चल रहे है. जो परंपरा के निहित है. 

इसके अलावा अलग-अलग देशों में ड्राइविंग प्रथाओं के अलग-अल होने के लिए कई कारकों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. जो इसके प्रति उदाहरण के रूप में भी दिए जाते है. एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना जिसने प्रभावित किया, वह 1792 में फ्रांसीसी क्रांति थी. जब फ्रांस ने क्रांतिकारी आदर्शों को दर्शाने के लिए सड़क के दाहिनी ओर गाड़ी चलाने की ओर रुख किया था. ऐसे में ये कहा जा सकता है कि इसको लेकर शुरू से ही कई अलग अलग कारण भी रहे है.