9 अप्रैल से शुरू होगा विक्रम नव संवत्सर 2081, अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शश राजयोग में शुरू होगा हिंदू नववर्ष

जयपुर: हिंदू धर्म में नव वर्ष विक्रम संवत चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से आरंभ होता है. इस बार 9 अप्रैल से नव विक्रम संवत्सर 2081 आरंभ होगा. साथ ही इस दिन से ही चैत्र नवरात्रि भी आरंभ होतीं हैं. इस नवसंवत्सर 2081 को कालयुक्त नामक संवत्सर के रूप में जाना जाएगा. पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर जोधपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक करीब 30 वर्षों बाद नववर्ष की शुरुआत शुभ राजयोगों में होगी. 09 अप्रैल को हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2081 का पहला दिन होगा और इस दिन अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शश राजयोग का संयोग बन रहा है. इस बार विक्रम संवत 2081 के राजा मंगल होंगे और मंत्री शनिदेव होंगे. ऐसे में पूरे साल शनि और मंगल का प्रभाव बना रहा है. वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार 09 अप्रैल से हिंदू नववर्ष विक्रम संवत 2081 की शुरुआत होने जा रही है. हालांकि अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार नए साल की शुरुआत 01 जनवरी से होती है, लेकिन नया हिंदू वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से होती है और सभी व्रत-त्योहार हिंदू कैलेंडर की तिथियों के आधार पर ही मनाया जाता है. इस बार नया हिंदू नववर्ष विक्रम संवत बहुत ही खास रहेगा. 

ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस वर्ष आकाशीय मंडल में 2081 संवत की यदि मंत्रिमंडल की बात करें, तो इस 2081 संवत के वर्ष राजा मंगल रहेंगे. उनके मंत्री शनि होंगे. वही सेनापति का कार्यभार शुक्र संभालेंगे और संवत्सर के वाहन बैल होगा. इस विक्रम संवत का नाम कालयुक्त होगा. इस कालयुक्त संवत के राजा-मंगल, मन्त्री-शनि, सस्येश-मंगल, दुर्गेश- शुक्र, धनेश- चन्द्र, रसेश- गुरु, धान्येश-शनि, नीरसेश- मंगल, फलेश-शुक्र, मेघेश-शुक्र होंगे. 09 अप्रैल को हिंदू नववर्ष की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और शश राजयोग में होगी. इसके अलावा साल के पहले दिन रेवती और अश्विनी नक्षत्र भी संयोग बन रहा है. इस दिन चंद्रमा गुरु की राशि मीन में होंगे. शनि देव स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश राजयोग का भी निर्माण होगा.

नव संवत्सर विक्रम संवत - 2081
नव संवत्सर आरंभ - 09 अप्रैल 2024
प्रतिपदा तिथि आरंभ -  8 अप्रैल 2024 रात 11:50 बजे से 
प्रतिपदा तिथि समाप्त - 9 अप्रैल 2024 रात 08:30 बजे तक 

हिंदू नववर्ष पर 3 शुभ योग
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि 09 अप्रैल को हिंदू नववर्ष की शुरुआत सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग और शश राजयोग में होगी. इसके अलावा साल के पहले दिन रेवती और अश्विनी नक्षत्र भी संयोग बन रहा है. इस दिन चंद्रमा गुरु की राशि मीन में होंगे. शनि देव स्वयं की राशि कुंभ में विराजमान होकर शश राजयोग का भी निर्माण होगा. वैदिक ज्योतिष शास्त्र की गणना के मुताबिक 09 अप्रैल को सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग सुबह 07:32 मिनट से आरंभ हो जाएगी. नया हिंदू वर्ष के राजा मंगल और मंत्री शनिदेव के होने का प्रभाव सभी 12 राशियों के लोगों पर पड़ेगा लेकिन कुछ राशि के लोगों को भाग्य का अच्छा साथ मिलेगा जिससे उनके जीवन में सुख-शांति और अच्छे परिणाम की प्राप्ति होगी.

राजा मंगल और मंत्री शनि
ज्योतिषाचार्य डा. अनीष व्यास ने बताया कि इस कालयुक्त संवत के राजा-मंगल, मन्त्री-शनि, सस्येश-मंगल, दुर्गेश- शुक्र, धनेश- चन्द्र, रसेश- गुरु, धान्येश-शनि, नीरसेश- मंगल, फलेश-शुक्र, मेघेश-शुक्र होंगे.

भैरव प्रश्न 
भैरव माता से कहे, मेरा यही सवाल. इक्यासी संवत् तों कह दे मैया हाल..

भवानी उत्तर 
इक्यासी की साल में मैं समझावु तोय. अन होणी होवे नहीं होणी हो सो होय..
राजा कुज मंत्री शनि इनकी खोटी चाल. युद्ध उपद्रव जगत् में मांचे घणा बवाल.. 
दिवानाथ धान्येश है, सवंत् विश्वा आठ. कहीं धान्य का नाश हो कहीं के होसी ठाठ.. 
सागर तट रोहिणी बसी स्तंभ लगे है तीन. अन्न जल की कमती नहीं इसमें मेष न मीन..

कालयुक्त सम्वत्सर का फल 
रोगवृद्धिः प्रजायेत् कालयुक्ते विशेषतः. राजयुद्धं भवेद् घोरं वृष्टिर्घोरा वरानने..
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि क्लिष्ट रोगों में विशेष वृद्धि के कारण प्रजा में कष्ट से हानि होगी. विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्षों में क्षुब्धता, वैमनस्य व बिखराव के कारण युद्ध जैसे हालात बनेंगे. भयंकर वर्षा होने से खड़ी फसलों को हानि व बाढ़ से कृषक त्रस्त होंगे. भविष्यफल भास्कर के अनुसार 'कालयुक्त' संवत्सर होने से प्रजा में रोग-शोक फैलता है, परन्तु वर्षा पर्याप्त होने तथा धान्यादि के उत्पादन में वृद्धि होने से साधारण जनता सुखी च आनन्द से रहेगी. राजाओं में परस्पर युद्ध से प्रजा का विनाश भी होगा. कहीं धन-धान्य की वृद्धि तथा वृक्षों पर पुष्प-फल लगेंगे.

राजा मंगल का फल
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि वर्ष का राजा मंगल है, अतः वायुवेग अर्थात् आँधी - तूफान का प्रकोप बना रहेगा. बायुयान दुर्घटना, अग्निकाण्ड, भूकम्प आदि प्राकृतिक उत्पातों में वृद्धि होगी. आतंकी-धाार्मिक उन्माद की घटनाएं बढ़ेगी, तस्करी, ठगी, लूटपाट तथा विभिन्न क्लिष्ट रोगों में वृद्धि से जनता त्रस्त होगी. तीव्र वायुवेग एवं बादल होने पर भी वर्षा की न्यूनता बनी रहेगी. तूफान, चक्रवात, आँधी, ओलावृष्टि आदि प्राकृतिक आपदाओं से कृषि उत्पादन में कमी तथा पशुधन की भी हानि होगी. आरोप-प्रत्यारोप एवं राजनैतिक वातावरण के कारण शासक कर्तव्य से भ्रमित होंगे. प्रजा में पित्त, रक्त एवं विषाणु जनित रोगों की बहुलता रहेगी. बाल अपचारियों के अपराध बढ़ेंगे. अपमृत्यु तथा प्रियजन से विछोह से कष्ट होगा.

अग्नि-तस्कर-रोगाढ्यो नृपो-विग्रहः कारकः.
गतसस्यो बहुव्यालो भीमाब्दो बालहाभृशम् ..
अथवा 
भौमे नृपे वह्निभयं जनक्षयं चौराकुलं पार्थिव-विग्रहश्च.
दुःखं प्रजा-व्याधि-वियोगपीड़ा स्वल्पं पयो मुञ्चति वारिवाहः

मन्त्री शनि का फल 
भविष्यवक्ता एवं कुंडली विश्लेषक डॉ अनीष व्यास ने बताया कि मन्त्री शनि है, अतः राजनेताओं व राष्ट्राध्यक्षों का व्यवहार सामान्य प्रजा के प्रति कठोर होगा, उनकी नीतियों से जनता त्रस्त होकर जनता रोष प्रकट करेगी. देश के कुछ भागों में वर्षा की कमी रहने से खाद्यान्नों में कमी एवं प्राकृतिक प्रकोप का भय व्याप्त रहेगा. आमजन के पास धन-सम्पदा एवं भौतिक संसाधनों की कमी से उनमें असंतोष का भाव व्याप्त होगा. लोहा, स्टील, ताँबा, जस्ता, सिक्का, तेल आदि खाद्यान्न पदार्थ, पेट्रोल- डीजल आदि के भाव तेज होंगे.

हिन्दू कलेंडर 2081 के अनुसार मास 
1. चैत्र मास, 2. वैशाख मास, 3. ज्येष्ठ मास, 4. आषाढ़ मास, 5. श्रावण मास, 6. भाद्रपद मास, 7.आश्विन मास, 8. कार्तिक मास, 9. मार्गशीर्ष मास, 10. पौष मास, 11. माघ मास, 12.फाल्गुन मास.

हिंदू कैलेंडर 2024 
चैत्र माह 2024 - 26 मार्च 2024 - 23 अप्रैल 2024
वैशाख माह 2024 - 24 अप्रैल 2024 - 23 मई 2024
ज्येष्ठ माह 2024 - 24 मई 2024 - 22 जून 2024
आषाढ़ माह 2024 - 23 जून 2024 - 21 जुलाई 2024
सावन माह 2024 - 22 जुलाई 2024 - 19 अगस्त 2024
अश्विन माह 2024 - 19 सितंबर 2024 - 17 अक्टूबर 2024
कार्तिक माह 2024 - 18 अक्टूबर 2024 - 15 नवंबर 2024
मार्गशीर्ष माह 2024 - 16 नवंबर 2024 - 15 दिसंबर 2024
पौष माह 2024 - 16 दिसंबर 2024 - 13 जनवरी 2025
माघ माह 2025 - 14 जनवरी 2025 - 12 फरवरी 2025
फाल्गुन माह 2025 - 13 फरवरी 2025 - 14 मार्च 2025