पुरानी संसद में स्वागत संबोधन, अधीर रंजन बोले, ऐतिहासिक घटना के साक्षी बनने जा रहे हैं

नई दिल्ली: संसद का विशेष सत्र चल रहा है. अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि आज हम ऐतिहासिक घटना के साक्षी बनने जा रहे हैं. अंग्रेजी हुकूमत से लेकर हमारी आजादी में अब तक हमने इस संसद के शानदार पल को अनुभव किया है. बाबा साहेब आंबेडकर ने हमें 395 आर्टिकल दिए हैं. इस मौके का लाभ उठाते हुए, बिना किसी मलाल के और बिना कुछ कहे, मुझे कहना होगा कि मैं इस मंच पर खड़े होकर ऊंचा और उत्साहित महसूस कर रहा हूं, जिसने आकाशगंगा के बीच में ऐतिहासिक घटनाओं और कई महत्वपूर्ण घटनाओं का कारवां देखा है. ऐसे दिग्गज जिन्होंने इस प्रतिष्ठित सदन, जिसे संविधान सभा कहा जाता था, में भारत के संविधान को बनाने के लिए अपना दिमाग खपाया और कड़ी मेहनत की.

उन्होंने कहा कि भारत की युवा आबादी को देश की आर्थिक वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण योगदान देने में सक्षम बनाना आवश्यक है. भारत दुनिया की सबसे ऊंची अर्थव्यवस्था होने के बावजूद, हमारी प्रति व्यक्ति जीडीपी विकसित देशों की तुलना में बहुत पीछे है. इस आर्थिक विकास की चुनौती से निपटने के लिए विकास समर्थक सरकारी नीतियों, कम मुद्रास्फीति को बढ़ावा देने, ब्याज दरों को कम करने, बेरोजगारी को कम करने, कुशल कार्यबल को बढ़ावा देने, क्रय शक्ति को बढ़ाने, मांग को प्रोत्साहित करने और स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा क्षेत्र को बढ़ाने की आवश्यकता है.

आपको बता दें कि आज सत्र का दूसरा दिन है. सत्र की कार्यवाही आज से नए संसद भवन में चलेगी. इससे पहले पुरानी संसद में लोकसभा और राज्यसभा के सभी सांसदों का एक साथ फोटो शूट हुआ. इसमें पीएम मोदी, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे समेत लोकसभा और राज्यसभा के सभी सदस्य मौजूद रहे. विशेष सत्र के बीच सोमवार को मोदी कैबिनेट से महिला आरक्षण बिल को मंजूरी मिल गई है.

माना जा रहा है कि केंद्र सरकार जल्द इसे लोकसभा में पेश कर सकती है. यह पहला मौका नहीं है, जब महिला आरक्षण बिल सदन के पटल पर आएगा. 1996 से 27 साल में कई बार यह अहम मुद्दा संसद में उठ चुका है. लेकिन दोनों सदनों में पास नहीं हो सका. 2010 में तो हंगामे के बीच राज्यसभा में पास भी हो गया था. लेकिन लोकसभा से पारित नहीं हो सका था.